राँची के कडरू शाहीनबाग में CAA, NRC और NPR के विरोध में 17 वें दिन भी जारी रहा प्रोटेस्ट।

17 वे दिन भी जारी रहा रांची के शाहीनबाग प्रोटेस्ट

भारतीय संविधान ज़िंदाबाद के नारों से गुंजा शाहीनबाग

शाहीनबाग मंच से भाषण देने के लिए भरना होगा फार्म: कमिटि

रांची: रांची कडरू शाहीन बाग का आज 5 फरवरी 2020 को 17 वें दिन भी जारी रहा महिलाओं का विरोध प्रदर्शन। महिलाओं ने कहा कि हमें यहां बैठने का कोई शौक नहीं है। हम मजबूरी में बैठ रहे हैं। वह मजबूरी यह है कि आज केंद्र सरकार संविधान को बदलना चाहती है। हम किसी भी कीमत पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बदलने नहीं देंगे। हमारा संविधान दुनिया के सबसे अच्छा संविधान है। केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस ले ले हम धरना खत्म कर देंगे। आज भारत में रहने वाले लोगों से नागरिकता का सबूत मांगा जा रहा है। पूरे भारत के लोगों को परेशान करना ठीक नहीं है।

वहीं यूपी जौनपुर के पूर्व विधायक सह राष्ट्रीय संयोजक मदर टेरेसा फाउंडेशन के मोहम्मद अरशद खान रांची कडरू शाहिनबाग पहुंचकर धरने पर बैठे बैठी महिलाओं को अपना समर्थन देते हुए, महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहां के यहां धरने पर बैठे महिलाओं और जहां-जहां भी शाहीन बाग में महिला बैठ रहे हैं हम उन्हें सलाम करते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारा भारत सबसे अच्छा और सबसे सुंदर भारत है। 1757 तक हम अमेरिका से आगे थे। हमारा जीडीपी अमरीका से भी अच्छा था। भारत बहुत खुशहाल देश था। मगर अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने भारत को दोनों हाथों से लूट कर भारत को कंगाल कर दिया। लाखों लोगों ने कुर्बानी दिया तब हमारा देश आजाद हुआ। भारत से प्यारा संविधान किसी भी मुल्क में नहीं है। इस देश में सभी को बराबरी का हक है। लेकिन आज दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। आज गलत सोच के लोग दिल्ली के कुर्सी पर बैठ गए हैं। इसी सोच के लोगों ने देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मारी। उसी मानसिकता के लोगों ने फिर से 30 जनवरी 2020 को गोली चलाया।

यह कौन लोग हैं आज पूरा देश जान रहा है। एक गांव में दो चोर घुस आए तो जरूरत इस बात की है कि वह चोर को पकड़ा जाए। लेकिन बोला जाता है सारे गांव वाले लाइन में लग जाए और यह साबित करें की वह चोर नहीं है। यह कैसा इंसाफ है साहब। हम चैलेंज करते हैं पूरे भारत देश के एक गांव का ऐसा वोटर लिस्ट लाकर दिखाएं जिसमें कोई गलती ना हो। ज्यादातर वोटर लिस्ट में स्पेलिंग मिस्टेक रहता है। और यह सरकार के ही लोगों की गलती की वजह कर रहता है। वही यूपी के गीतकार अनवर फरीदी ने कहा की हमारा देश का दुर्भाग्य है कि एक तड़ीपार आज देश का गृह मंत्री है । जिस तरह व्यापार के बहाने अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा किया था। उसी तरह आज केंद्र सरकार काम कर रही है। भारत की सभी जमीन दौलत को अडानी और अंबानी के जेब में डाल रही है। केंद्र सरकार भारत को फिर से गुलाम बनाना चाहती है। वही हिंदपीड़ी की नुसरत परवीन कहती है कि हमें कोई शौक नहीं है धरने पर बैठने का। सरकार यह काला कानून वापस ले ले तो हम धरना खत्म कर देंगे। हमारा संविधान से छेड़छाड़ करना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। वही शबानी अहमद ने कहीं के एनआरसी लागू किया जा रहा है भारतीय के लोगों को परेशान करने के लिए। केंद्र सरकार मुसलमानों को ज्यादा टारगेट कर के काम कर रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। कभी लव जेहाद कभी मॉब लिंचिंग, कभी घर वापसी, हर तरीके के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। यह हिंदुस्तान किसी एक का नहीं है बल्कि सब का है। हम पैदा भी इसी मिट्टी में हुए हैं और मरेंगे भी इसी मिट्टी में। वही शगुफ्ता यासमीन एंड ग्रुप में इतनी शक्ति हमें देना दाता…..की भक्ति गीत गाकर प्रोटेस्ट किया। तो जामिया की एक छात्रा मिदहत ने जामिया गोलीकांड की घटनाक्रम की पूरी जानकारी वहां बैठे महिलाओं को सुनाया। मिदहत ने कहा कि जब हम लोग वहां शांतिपूर्वक खड़े थे तो गोपाल नाम के लड़का जो किसी भी एंगल से नाबालिग नहीं लग रहा था पुलिस के सामने पुलिस की मौजूदगी में गोली चलाया। जो शादाब के हाथ में लगा। जानबूझकर कुछ लोग हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं। केंद्र सरकार छात्र छात्राओं से ऐसा व्यवहार कर रही है मानव जैसा कि वह कोई आतंकवादी हो। हमारी लड़ाई धर्म मजहब की लड़ाई नहीं है। बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई हैं। हम आखरी दम तक लड़ेंगे। हम अपनी लड़ाई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए हुए तरीकों पर आंदोलन जारी रखेंगे। इस मौके पर सैंकड़ों महिला उपस्थित थी।

कडरू शाहीन बाग में भाषण देने के लिए भरना होगा फॉर्म, माननी होंगी ये शर्तें

1- कोई भी वक्तव्य जो संविधान के खिलाफ हो ऐसा भाषण देना प्रतिबंधित है।
2- भारत के किसी राज्य एवं स्थान को अलग करने संबंधी भाषण प्रतिबंधित है।
3- जाति-धर्म, संप्रदाय से संबंधित भड़काऊ भाषण जिससे किसी भी धर्म की धार्मिक, भावनाएं आहत हों ऐसा कोई भी भाषण देना प्रतिबंधित है।
4- देश के किसी भी महापुरुषों, क्रांतिकारियों एवं सरकारी अमले के विषय में विवादित भाषण देना प्रतिबंधित है।
5- केवल सीएए-एनआरसी-एनपीआर बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के अलावा किसी भी विषय पर भाषण देना प्रतिबंधित है।
6- कोई भी ऐसा नारा जो असंवैधानिक हो या जाति-धर्म की भावनाओं को आहत करे ऐसे नारे प्रतिबंधित हैं।
7- कोई भी वॉलेंटियर मंच संचालकों पर दबाव न बनाएं।
8- ऐसे कोई भी मेहमान जो दूर से आए हैं और तुरंत अपना भाषण देना चाहते हैं तो अपना वापसी टिकट दिखा कर मंच पर पहले आ सकते हैं।
9- किसी भी राजनीतिक पार्टी के चुनाव प्रचार से संबंधित बयान देना प्रतिबंधित है।
10- अगर मेरे भाषण पर कोई वैधानिक कार्यवाही करता है तो उसके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं, न कि कडरू शाहीनबाग के रहवासी और प्रबंधन समिति।

प्रबन्ध कमिटी
शाहीनबाग रांची