#राजनीति:विधानसभा के उद्घाटन से पहले सक्षम प्राधिकार से ले ली गई थी पर्यावरण की अनुमति,आंतरिक कलह में घिरी जेएमएम जनता का ध्यान बांटने के लिए गलत बयान बाजी कर रही है:-भाजपा प्रवक्ता

राँची।भाजपा ने कहा कि विधानसभा के उद्घाटन से पहले सक्षम प्राधिकार से पर्यावरण की अनुमति की अनुमति ले ली गई थी। आंतरिक कलह में घिरी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जनता का ध्यान बांटने के लिए गलत बयान बाजी कर रही है। विधानसभा और हाईकोर्ट की बिल्डिंग राज्य के लिए धरोहर है। झामुमो तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर राज्य का अपमान कर रही है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने 11 सितंबर को भाजपा मुख्यालय में प्रेस से बात करते हुए कहा कि अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असक्षम झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी पार्टी के भीतर चल रहे कलह और गठबंधन के भीतर के मतभेद से ध्यान बांटने के लिए झूठी बयानबाजी का सहारा ले रही है। झामुमो का यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस विधानसभा भवन का उद्घाटन किया,उसकी एनवायरमेंटल मंजूरी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि केंद्र के द्वारा अधिकृत स्टेट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी ने 4 सितंबर 2019 को पत्रांक संख्या EC/SEIAA/2018-19/2130/2018/419 के जरिये विधानसभा भवन को मंजूरी दी थी। ऐसे झूठे बयान करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा को माफी मांगनी चाहिए।

श्री शाहदेव ने कहा कि एनजीटी ने 2 सितंबर 2019 को जस्टिस एसपी बांगड़ी और डॉ सत्यवान सिंह की बेंच ने इसी मुद्दे पर जांच करने के लिए 2 सदस्य टीम का गठन किया था। इस आदेश के तुरंत बाद चुनाव आ गया और नई सरकार का गठन दिसंबर में हो गया। नई सरकार ने एनजीटी की समिति के सामने प्रभावी तरीके से अपने पक्ष को नहीं रखा, जिसके कारण फाइन लगने की सूचना आ रही है। एनजीटी का आर्डर अभी तक वेबसाइट पर अपलोड भी नहीं हुआ है,लेकिन झामुमो बयानबाजी कर अदालत की अवमानना कर रही है। वैसे एनजीटी का यह आदेश अंतिम नहीं है। एनजीटी एक्ट के सेक्शन 22 के अंतर्गत राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में इसकी अपील कर सकती हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि एनवायरमेंट क्लीयरेंस आने के बाद और पोस्ट फैकटो अप्रूवल का प्रावधान होने के बाद भी एनजीटी में अपने पक्ष को सही तरीके से नहीं रखने के कारण यह जो फाइन लगने की बात सामने आ रही है यह वर्तमान सरकार के कैबिनेट से वसूल करना चाहिए। राज्य के विधानसभा और हाईकोर्ट की बिल्डिंग भाजपा की नहीं है। यह पूरे राज्य की धरोहर है। लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर झारखण्ड की बदनामी कर रही है, जो निम्न स्तर की राजनीति का परिचायक है। मौके पर प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।