जमशेदपुर के अधिवक्ता हत्याकांड में पुलिस ने भाजमो नेता समेत तीन को किया गिरफ्तार

जमशेदपुर : जमशेदपुर पुलिस ने 24 घण्टे में बिरसानगर में हुए अधिवक्ता प्रकाश यादव हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. इस मामले में अमूल्यो कर्मकार समेत 3 लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने भारतीय जन मोर्चा के बिरसानगर मंडल संयोजक अमूल्यो कर्मकार, बिरसानगर के रहने वाले राम रविदास उर्फ छोटकू और विश्वनाथ मुंडा उर्फ जीतू को गिरफ्तार किया है. मृतक अधिवक्ता प्रकाश यादव के भाई द्वारा नामजद आरोपी गौतम बोस और राजकिशोर मुखी को पुलिस ने गिरफ्तार नही किया हैं क्योंकि उसके खिलाफ कोई सबूत नही मिल पाया है. पुलिस ने बिरसानगर से ही हत्या में शामिल रॉड और हत्यारो के खून लगे कपड़े को भी बरामद किया है. जमशेदपुर एसएसपी डॉ एम तमिल वणन ने संवाददाताओं को बताया कि हत्या के दिन अमूल्यो कर्मकार के कहने पर राम रविदास और विश्नाथ मुंडा ने हत्या की थी. घटना के दिन अधिवक्ता को लेकर घर से मन्दिर तक राम रविदास और विश्नाथ मुंडा किसी बहाने से लेकर आये और पहले रॉड से हमला कर दिया. रॉड से हमला करने के बाद अधिवक्ता बेहोंश हो गए जिसके बाद धारदार हथियार से उसको काट दिया और भाग गए. जमशेदपुर एसएसपी ने बताया कि अमूल्यो कर्मकार को अधिवक्ता अक्सर जमीन का कारोबार करने से रोक देते थे जबकि राम रविदास और विश्नाथ मुंडा को अधिवक्ता द्वारा मन्दिर में घुसने नही दिया जाता था. उन दोनों को आदिवासी और हरिजन बताकर बेइज्जती करके उनको भगा दिया जाता था. इससे राम और विश्नाथ गुस्सा थे जिसको अमूल्यो ने 3 लाख रुपये की सुपारी दी जिसका एडवांस 20 हजार रुपये उनको अमूल्यो ने दे दिया जिसके बाद प्लान के तहत अमूल्यो के कहने पर हत्या को अंजाम दे दिया गया।

बताया जाता है कि अमूल्यो ने जमीन के कारोबार में अड़चन पैदा करने वाले को रास्ते से हटाने और राम और विश्नाथ की बेइज्जती का बदला लेने के लिए इस हत्या को अंजाम दिया. पुलिस ने इस हत्याकांड के पीछे किसी तरह भी राजनीतिक मामला होने से साफ तौर पर इनकार किया. 24 घण्टे में ही पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया. इस कांड के उद्भेदन के लिए जमशेदपुर के सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया था जिसमे दो डीएसपी समेत अन्य अधिकारियों को लगाया गया था जिसके बाद इस कांड का खुलासा हो गया. बताया जाता है कि अमूल्यो कर्मकार बिरसा सेवा दल के नाम पर बिरसानगर में जमीन का कारोबार करता था जिसके नाम पर एक बड़ा जमीन को बेचना चाह रहे थे जिसको अधिवक्ता रोकने का काम कर रहे थे जिस कारण उसको रास्ते से हटाने के लिए राम रविदास और विश्वनाथ मुंडा को पकड़ा और सफाया कर दिया. सभी ने अपने अपराध को स्वीकार तो किया है लेकिन हथियार बरामद नही हो पाया है. इस मामले के आरोपी अमूल्यो कर्मकार के खिलाफ बिरसानगर थाना में 3 मुकदमा पहले से लंबित है।