नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के ग्रामीणों के लिए स्वामित्व योजना लॉन्च की,उन्होंने इस योजना को ग्रामीण भारत के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला बताया।

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के ग्रामीणों के लिए स्वामित्व योजना लॉन्च की। उन्होंने इस योजना को ग्रामीण भारत के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला बताया है। इसका एक लाख परिवारों को फायदा मिला है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संपत्ति कार्ड मिलने पर आज लाभार्थी सबसे ज्यादा खुश होंगे। आज की शाम उनके लिए खुशियों की शाम है,नए सपने बुनने का समय है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले सत्ता में बैठे लोग बड़े-बड़े वादे किया करते थे लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। मुझसे गरीब, दलितों के लिए जितना हो सकेगा मैं उनका काम करूंगा।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने विभिन्न लाभार्थियों से बात की। हरियाणा के एक लाभार्थी से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि अब तो आपको पक्के कागज मिल गए तो कोई दिक्कत तो नहीं हुई। तो लाभार्थी ने कहा- नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मकान के कागज मिल गए बैंक से कर्ज मिल जाएगा तो क्या आप अपने काम को आगे बढ़ाएंगे, इसपर लाभार्थी ने कहा कि जरूर। लाभार्थी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें मकान के पक्के कागज पर बैंक तीन लाख तक का कर्ज दे रहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे बच्चों को पढ़ाने और राजमिस्त्री बनने को मजबूर न करने को कहा।

उत्तर प्रदेश की लाभार्थी रामरति देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि मकान के पक्के कागज मिलने से अब उन्हें कोई उनके घर से नहीं निकाल सकता है। अब वे सुरक्षित महसूस कर रही हैं। महाराष्ट्र के लाभार्थी विश्वनाथ से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब आपके गांव के लोग खुश होंगे तो उन्होंने कहा- हां प्रक्रिया शुरू हो गई है।

प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें

दो गज की दूरी रहे, हाथ की साफ-सफाई बनी रहे और मास्क लगातार मुंह पर रहे, ये हमें सुनिश्चित करना है। याद रखिए जबतक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

गांव के लोगों को, गरीबों को अभाव में रखना कुछ लोगों की राजनीति का आधार रहा है। ये भूतकाल बताता है। हमने गरीबों को अभावों से मुक्ति का अभियान चलाया है।

किसान और खेत मजदूर को मिल रही बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं से जिनको परेशानी है, वो आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं। देश ने ठान लिया है कि गांव और गरीब को आत्मनिर्भर बनाना, भारत के सामर्थ्य की पहचान बनाना है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी बहुत बड़ी है।

छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने से जिनकी काली कमाई का रास्ता बंद हो गया है, उनको आज समस्या हो रही है। यूरिया की नीमकोटिंग से जिनके गैर-कानूनी तौर तरीके बंद हो गए, दिक्कत उन्हें हो रही है।

किसानों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचने से जिनको परेशानी हो रही है, वो आज बेचैन हैं।
गांव और गरीबों को अभाव में रखना कुछ लोगों की राजनीति का आधार रहा है। आजकल इन लोगों को खेती में जो ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं, उनसे भी दिक्कत हो रही है। ये बौखलाए हुए हैं, ये बौखलाहट किसानों के लिए नहीं, खुद के लिए है।

वर्षों तक जो लोग सत्ता में रहे उन्होंने बातें बहुत बड़ी-बड़ी की, लेकिन उन्होंने गांव और ग्रामिणों को ऐसी ही मुसीबतों में छोड़ दिया। मैं ऐसा नहीं कर सकता, आपके आशीर्वाद से जितना बन पड़ेगा उतना आपके लिए, गांव, गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित के लिए करना है।

दशकों तक गांव के करोड़ों परिवारों के पास अपना घर नहीं था। आज गांव के करीब-करीब 2 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं। स्वामित्व योजना से हमारी ग्राम पंचायतों का भी नगर पालिकाओं और नगर निगमों की तरह व्यवस्थित तरीके से मैनेजमेंट आसान होगा।

छह दशकों तक गांव के करोड़ों लोग बैंक खातों से वंचित थे। ये खाते अब जाकर खुले हैं। छह दशकों तक, गांव के करोड़ों परिवार शौचालय से वंचित थे। आज घर-घर में शौचालय भी बन गए हैं। दशकों तक गांव का गरीब गैस कनेक्शन से वंचित था। आज गरीब के घर भी गैस कनेक्शन पहुंच गया है।

पिछले छह वर्षों में पुरानी कमी को दूर करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। आज देश में बिना किसी भेदभाव, सबका विकास हो रहा है, पूरी पारदर्शिता के साथ सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं। लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना सुनिश्चित हुआ।

जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है तो निवेश के लिए नए रास्ते खुलते हैं। संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है, रोजगार-स्वरोजगार के रास्ते बनते हैं।

पूरे विश्व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है।

गांव और गरीब की आवाज को बुलंद करना जेपी और नानाजी के जीवन का साझा संकल्प रहा है। नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का। मुझे विश्वास है, स्वामित्व योजना भी हमारे गांवों में अनेकों विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी।

मुझे बहुत खुशी है कि आज इतना विराट काम, उस दिन हो रहा है, जब भारत के दो-दो महान सपूतों की जन्म जयंति है। एक भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरे भारत रत्न नानाजी देशमुख। इन दोनों महापुरुषों का सिर्फ जन्मदिन ही एक तारीख को नहीं पड़ता, बल्कि इनके संघर्ष और आदर्श भी एक समान रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है।

आज हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हजारों परिवारों को उनके घरों के कानूनी कागज सौंपे गए हैं। और अगले तीन-चार साल में देश के हर गांव में, हर घर को इस तरह के प्रॉपर्टी कार्ड देने का प्रयास किया जाएगा।

आज आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा। ये योजना हमारे देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन एक लाख लोगों को स्वामित्व पत्र मिला है, ऐसे इन एक लाख परिवारों को मैं आज बहुत-बहुत बधाई देता हूं।