फर्जी तरीके से 9.76 लाख निकासी करने पहुंचा था जेएसएलपीएस का लेखपाल, बैंक से संपुष्टी काॅल में पकड़ाया फर्जीवाड़ा

राँची।जेएसएलपीएस के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक का फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक ऑफ इंडिया हरमू शाखा से 9.76 लाख अवैध निकासी का मामला गुरूवार काे प्रकाश में आया है।जेएसएलपीएस के लेखापाल पर ही फर्जी तरिके से 9.76 लाख निकासी का प्रयास करने के मामले में पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है। दर्ज प्राथमिकी में जेएसएलपीएस के मुख्य परिचालन पदाधिकारी विष्णु चरण परिडा ने कहा है कि बैंक आफ इंडिया हरमू शाखा से 9.76 लाख निकासी का संपुष्टि कॉल आया। हालांकि बैंक काे यह कहते हुए भुगतान करने से मना किया गया कि यह एडवाइस जेएसएलपीएस द्वारा निर्गत नहीं किया गया है। प्रारम्भिक जांच में पता चला कि यह एडभाइस गलत तरीके से बनाकर लखापाल शशांक वर्मा स्वयं बैंक गए थे जो सीसीटीवी में स्पष्ट है। शशांक वर्मा के द्वारा गलत तरीके से एडभाइस बनाकर और उसपर राज्य कार्यक्रम प्रबंधक वित्त एवं मुख्य परिचालन पदाधिकारी रंजन श्रीवास्तव का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पैसा निकासी के लिए बैंक में उपस्थापित किया था। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

टीडीएस कटाैती शाखा के इंचार्ज हैं लेखापाल, एक वर्ष का फाईल है गायब

विभागीय जांच में इस बात की भी पुष्टी हुई है कि फरवरी 2022 से कार्यालय से टीडीएस कटौती से संबंधित फाईल गायब है। जेएसएलपीएस के कर्मचारियों से टीडीएस कटौती और राशि जमा करने से संबंधित अभिलेख एवं विवरण संधारित किया जाता था जिसके संचिका का संधारण लेखापाल शशांक वर्मा ही शुरू से करते थे। इस कार्य के लिए लेखापाल शशांक काे डोमेन हेड रंजन श्रीवास्तव के द्वारा अधिकृत किया गया था। रंजन श्रीवास्तव ने पुलिस काे बताया है कि टीडीएस से संबंधित कटौती को जमा करने में वित्तीय अनियमितता का प्रकरण फरवरी 2022 में संज्ञान में आया। चूंकि शशांक वर्मा के द्वारा इस संचिका का संधारण किया जाता था और अंतिम बार 7 फरवरी 2022 को इनके द्वारा ही संचिका पर टिप्पणी अंकित किया गया था। इसके बाद से उक्त संचिका कार्यालय में नहीं है। शशांक वर्मा से कई बार संचिका उपस्थापित करने काे कहा गया लेकिन उसने अबतक वापस नहीं किया और ना ही कोई जवाब दिया।