देर रात नेपाल में आए भूकम्प से भारी तबाही,अबतक 75 लोगों की मौत,कई इमारतें धरासायी….

ऑनलाइन डेस्क, काठमांडू। नेपाल में शुक्रवार देर रात आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इतनी मौतों की वजह ये है कि जब भूकंप आया तो लोग अपने घरों में सो रहे थे और उनके संभलने का मौका का भी नहीं मिला।

इतना ही नहीं भूकंप इतना शक्तिशाली था, उसके झटके भारत की राजधानी दिल्ली में भी महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने कहा कि भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई पर था। जाजरकोट, काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का झटका महसूस होते ही काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

एक परिवार के पांच लोगों की मौत

पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले के एक पुलिस अधिकारी नामराज भट्टाराई ने रॉयटर्स को बताया कि हमने रिपोर्ट की पुष्टि की है कि आथबिस्कोट गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई है और भी मौतों की खबरें हैं। अधिकारी ने कहा कि हालांकि इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। रॉयटर्स के मुताबिक, जाजरकोट में मीडिया फुटेज में बहुमंजिला ईंट के मकानों के टूटे हुए हिस्से दिखाई दे रहे हैं। निवासियों ने बताया कि झटके पड़ोसी जिलों और काठमांडू तक महसूस किए गए।

नेपाल में बड़ा भूकंप आया जिसने बिहार, यूपी से लेकर दिल्ली तक कंपन पैदा की। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 आंकी गई है। भूकंप के कुछ घंटों बाद इससे नुकसान की खबरें नेपाल से आ रही हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडाना में था। वहां सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान हुआ है। अब तक 73 लोगों के मारे जाने की खबर है।

पुलिस के मुताबिक रुकुम में 28 लोगों की मौत हुई है और जाजरकोट में 20 लोग मारे गए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने सेना को राहत के काम में लगाया है। दैलेख, सालयान और रोतलपा जिले के सुदूर गांवों से भी घरों के गिरने की खबरें आ रही हैं।

जाजरकोट काठमांडू से 500 किलोमीटर दूर है। नेपाल में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। तीन अक्टूबर को भी ऐसा ही हुआ था। तब तीव्रता 6.2 मापी गई थीं। जाजरकोट में एक व्यक्ति ने बताया – हम लोग खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी बिस्तर हिली। लगा जैसे झूला झूल रहे हैं। डर के मारे बाहर भागे। थोड़ी ही देर बाद मेरा घर गिर गया।

नेपाल और बिहार के लोग अभी भी 2015 के भूकंप को याद कर सिहर जाते हैं। उस विनाशलीला में 12000 लोग मारे गए थे। दस लाख घर जमीदोंज हो गए।

कई लोग अपने घरों से बाहर निकले

इधर भूकंप दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी महसूस किया गया, जिससे ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। नोएडा सेक्टर 76 में एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासी प्रत्यूष सिंह ने कहा, झटके वास्तव में बहुत तेज महसूस हुए। यह एक डरावना अहसास था। लोगों ने झटके के कारण पंखे और झूमर जैसी वस्तुओं के हिलने के वीडियो क्लिप भी इंटरनेट मीडिया पर साझा किए।