जेएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामला:एसआईटी ने बिहार से आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को लिया हिरासत में, 30 दिन बाद भी इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी प्रश्न पत्र लीक कहां से हुआ….!

–बिहार विधानसभा के मार्शल और पटना के रहने वाले एक अन्य अभियुक्त की तलाश जारी, देर होने से साक्ष्य के खत्म होने की संभावना बढ़ी

राँची।झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (2023) के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बिहार से आधा दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी को नामकुम थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि पेपर लीक की घटना को हुए 28 फरवरी को एक महीना हो जाएगा। लेकिन एसआईटी अभी तक इस बात का पता नहीं लगा सकी कि प्रश्न पत्र लीक कहां से हुआ। एसआईटी की भारी भरकम टीम पिछले 25 दिनों से लगातार चेन्नई, पटना, यूपी की खाक छान रही है। अभी तक एसआईटी ने इस मामले में झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम व उनके दो बेटों शहजादा इमाम व शाहनवाज इमाम सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जिन अभियुक्तों को अबतक गिरफ्तार किया गया है ये वो है जिन्होंने कैंडिडेट को सेट किया और उनसे पैसे उगाही की गई। एसआईटी को अभी भी दो अभियुक्तों की तलाश है, इनमें से एक बिहार विधान सभा में कार्यरत मार्शल है जो गिरफ्तार अवर सचिव का दामाद है और दूसरे पटना का रहने वाला राजीव कुमार है, जिसने प्रश्न पत्र के लिए अपने अन्य दो सहयोगियों के साथ मिलकर डेढ़ करोड़ रुपए इनवेस्ट किए थे।

एसआईटी के कई अधिकारियों को हुडा तबादला, जांच हो सकती है प्रभावित

प्रश्न पत्र लीक के इस मामले में अनुसंधान व गिरफ्तारी के लिए एसआईटी बनाई गई है। इसमें कई पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है। अब इनमें से कई का तबादला हो गया है। जिन्हें विरमित भी कर दिया गया है। इस वजह से भी अनुसंधान में व मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी में देरी हो रही है। इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि प्रश्न पत्र कैसे व कहा से लीक हुआ, अब संभावना बढ़ती जा रही है कि कही साक्ष्य नष्ट ना हो जाए। क्योंकि दो दिन बाद इस घटना को हुए एक महीने हो जाएंगे। अभियुक्तों ने अगर प्रश्न पत्र लीक करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल किया होगा और उक्त मोबाइल को नष्ट कर दिया होगा, तो इस मामले में गिरफ्तारी के बाद भी अभियुक्तों को सजा दिलाना एसआईटी के लिए मुश्किल होगा। 28 जनवरी को जिस दिन परीक्षा थी उस दिन प्रश्न पत्र का उत्तर मोबाइल के जरिए लीक हुई था।

अध्यक्ष पद से नीरज सिन्हा के इस्तीफा देने के बाद पूछताछ पर पड़ रहा असर

प्रश्न पत्र लीक होने के बाद 21 फरवरी को जेएसएससी के अध्यक्ष पद से नीरज सिन्हा ने अचानक व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया। अब जेएसएससी के अधिकारियों व अन्य से पूछताछ मामले में भी असर पड़ रहा है। क्योंकि शुरुआत में जब एसआईटी की टीम ने जेएसएससी के अधिकारियों से पूछताछ की थी तब उन्होंने एसआईटी पर आरोप लगाया था कि वे पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित कर रहे है। जेएसएससी के अधिकारियों ने इस मामले में मुख्य सचिव को भी पत्र लिखकर इससे अवगत कराया था।