जोन्हा फॉल:आदित्य को बचाकर खुद मौत के गाल में समा गया आदित्य,सरला बिरला के 12वीं के छात्र आदित्य अपने दोस्तों के साथ फॉल घूमने गया था

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची जिले स्थित जोन्हा फॉल में गुरुवार की शाम करीब पांच बजे एक छात्र की डूबने से मौत हो गई।बताया जाता है कि सरला बिरला स्कूल के छात्र आदित्य उपाध्याय का फॉल में डूब रहे दोस्त को बचाने के दौरान डूबने से मौत हो गई। आदित्य उपाध्याय 12वीं कक्षा का छात्र था। वह डोरंडा स्थित अरविंदो कॉलोनी में रहता था। उसके पिता संदीप उपाध्याय जैप-1 में सिपाही हैं। वहीं घटना की सूचना मिलते ही उसके माता-पिता, चाचा और छोटा भाई सहित अन्य लोग जोन्हा फॉल पहुंचे।इधर सूचना पर पहुँची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया।

बताया गया कि आदित्य उपाध्याय अपने चार दोस्तों आदित्य भारद्वाज, रमन मिश्रा, सक्षम वर्मा व नवीन मेहता के साथ घूमने को जोन्हा फॉल गया था। एक पर्यटन मित्र के अनुसार पांचों ने पहले खाया-पीया इसके बाद नहाने के लिए पानी में उतर गए।झरना से काफी कम पानी गिर रहा था। इसके बावजूद वहां धार से बने खोह में आदित्य भारद्वाज डूबने लगा, तो आदित्य उपाध्याय उसे बचाने बढ़ा। दोस्त को तो बचा लिया, लेकिन खुद डूब गया।

बता दें जोन्हा फॉल में पर्यटकों के घूमने के लिए समय निर्धारित है। सुबह 8 से शाम 4:30 बजे तक ही टिकट काउंटर खुला रहता है। इसके बावजूद छात्र साढ़े चार बजे के बाद फॉल में चले गए। उन्हें किसी ने नहीं रोका। जबकि, वहां समय-सीमा से संबंधित नोटिस बोर्ड भी लगे हुए हैं। 14 पर्यटन मित्र भी सुरक्षा के लिए ड्यूटी करते हैं।आखिर छात्रों को रोका क्यों नहीं गया। जोन्हा फॉल में हुंडरू फॉल की तरह एक गेट नहीं है। जोन्हा फॉल तक जाने के लिए कई रास्ते हैं। इसलिए जगह-जगह सुरक्षा से संबंधित बोर्ड लगाए गए हैं।

गर्मी में जोन्हा फॉल में डूबने की पहली घटना

बताया जा रहा है की गर्मी के मौसम में जोन्हा फॉल में पानी काफी कम रहता है, इसलिए डूबने की आशंका नहीं के बराबर रहती है। यह गर्मी के मौसम में पहली घटना है, जब किसी की डूबने से मौत हुई है। जिस खोह में डूबने से मौत हुई वहां भी पानी बहुत कम था।

बताया जा रहा है कि पांचों दोस्त सरला बिरला पब्लिक स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ते थे। अभी सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा चल रही है। गुरुवार को परीक्षा देने के बाद पांचों एक कार से स्कूल से सीधे जोन्हा फॉल पहुंचे। जब ये फॉल पहुंचे, उस वक्त शाम के करीब पौने पांच बज रहे थे।