Jharkhand:मुठभेड़ में मारे गये ईनामी उग्रवादी शनिचर सुरीन की 84 मामले में थी पुलिस को तलाश,अपने एरिया में किसी को नहीं पहुंचाता था नुकसान,गांव में पसरा सन्नाटा

राँची/कामडारा।झारखण्ड के खूँटी-चाईबासा के बॉर्डर पर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया 10 लाख का इनामी पीएलएफआइ का सब एरिया कमांडर शनिचर सुरीन मूल रूप से गुमला के कामडारा थाना क्षेत्र के सरिता बड़काटोली का रहने वाला था। शनिचर पर कामडारा थाना में मात्र दो मामला दर्ज है। थाना प्रभारी के अनुसार वह अपनी गतिविधि मुख्यत: चाईबासा के गुदरी थाना क्षेत्र में ही सीमित रखता था। 2014 में शनिचार के खिलाफ कामडारा थाना में दो मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें नक्सली गतिविधि में शामिल होने व आ‌र्म्स एक्ट से संबंधित धारा लगाए गए थे।

अपने एरिया में किसी को नहीं पहुंचाता था नुकसान

पुलिस मुठभेड़ में शनिचर के मारे जाने के बाद सरिता बड़काटोली स्थित उसके घर पर सन्नाटा पसरा था। बताया जाता है कि वह अपने गांव-घर में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था। उसका कार्य क्षेत्र चाईबासा ही था।

शनिचर सुरीन ने नौवीं कक्षा तक की है पढ़ाई

इनामी उग्रवादी शनिचर सुरीन सरकारी स्कूल तोकेन में नौवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। तीन भाई में सबसे बडे़ शनिचर के दो भाई घर में ही रहते हैं। तीन बहनों में से दो की शादी हो चुकी है। एक छोटी बहन शांति सुरीन विद्या विहार पब्लिक स्कूल गरई में कक्षा छह में पढ़ाई करती है। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वह पीएलएफआइ उग्रवादियों के संपर्क में आया और 2014 से संगठन में सक्रिय हो गया।

मृतक के शव को कल लाया जायेगा

बड़काटोली सब एरिया कमांडर शनिचर सुरीन की मौत पुलिस मुठभेड़ में चाईबासा सीमा क्षेत्र में हुई है। इसलिए शव को चाईबासा पुलिस ले गई। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद पुलिस शव परिजनों को सौंप देगी। संभावना जताई जा रही है कि रविवार को शनिचार सुरीन का शव बड़काटोली लाया जाएगा।

मुठभेड़ में मारे गये उग्रवादी शनिचर सुरीन की 84 मामले में थी तलाश

पुलिस को 84 मामले में PLFI उग्रवादी शनिचर सुरीन की तलाश थी।एसपी आशुतोष शेखर को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम द्वारा चलाए गए सर्च अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में शनिचर सुरीन मारा गया।उस पर 10 लाख रुपये इनाम घोषित था।शनिचर सुरीन के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, आगजनी, पुलिस पर हमला और अन्य नक्सली घटनाओं से संबंधित कुल 84 मामले दर्ज हैं।इनमें खूंटी में 32 चाईबासा में 50 और गुमला में 02 मामले दर्ज हैं।

बताया गया कि एसपी आशुतोष शेखर को गुप्त सूचना मिली थी कि खूंटी जिला के रनिया थाना और चाईबासा जिले के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादी जमा हुए हैं. मिली सूचना के आधार पर एसपी द्वारा डीएसपी तोरपा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. फिर पुलिस टीम ने सर्च अभियान चलाया।

सर्च अभियान के दौरान बढ़ा केसेल गांव के पास उग्रवादियों द्वारा पुलिस बल पर फायरिंग शुरू कर दिया गया. इसके बाद पुलिस द्वारा भी फायरिंग शुरू की गई. करीब आधे घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी हुई. इसके बाद मौके का फायदा उठाकर उरवादी भागने में सफल रहे।घटनास्थल पर सर्च अभियान के दौरान एक उरवादी का शव बरामद किया गया. ग्रामीणों द्वारा मृत उग्रवादी की पहचान पीएलएफआई के कुख्यात उग्रवादी शनिचर सुरीन के रूप में किया गया।शनिचर सुरीन का खूंटी और चाईबासा जिला क्षेत्र में काफी दहशत था।पुलिस ने घटनास्थल से दो पिस्टल, गोली समेत कई अन्य सामान बरामद किये हैं।