#JAMSHEDPUR:भाई को पढ़ाने के लिए खुद छोड़ा पढ़ाई,आज भाई हमें छोड़ गया,सरकार हमें मौका दें मैं सरहद पर जाने के तैयार हूँ:-शहीद जवान गणेश हांसदा का भाई दिनेश हांसदा

चीन सीमा पर जमशेदपुर का जवान भी शहीद, बहरागोड़ा के गांव में पसरा मातम, शहीद भाई को पढ़ाने के लिए बड़े भाई ने छोड़ दी थी अपनी पढ़ाई, परिवार पर रोजी-रोटी का संकट, माता-पिता दुखी, लेकिन बेटे पर गर्व-

बहरागोड़ा।जमशेदपुर के ग्रामीण इलाका (पूर्वी सिंहभूम जिला) के बहरागोड़ा प्रखंड के चिंगड़ा पंचायत के कोसाफलिया गांव निवासी सुखदा हारदा के छोटे पुत्र गणेश हांसदा (21) भी चीन सैनिकों के कायराना हमला में शहीद हो गया।वह लद्दाख में पदस्थापित था,आर्मी जवान गणेश हांसदा लद्दाख सीमा पर चीन के हमले में शहीद हो गये

शहीद जवान के गांव कोसाफलिया में मातम का माहौल है।परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना की सूचना पाकर बुधवार को शहीद जवान के घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।जमशेदपुर के शहीद जवान के परिजनों से मिलने वालों का तांता , सांसद विद्युत महतो ने दिये 1 लाख , विधायक समीर ने भी की आर्थिक मदद , पूर्व विधायक कुणाल परिवार की मदद को आगे आये , दिनेशानंद भी परिवार से मिले।

शहीद जवान के घर पहुँचे

विधायक समीर महंती, बहरागोड़ा प्रखंड के बीडीओ राजेश कुमार साहु, सीओ हीरा कुमार, थाना प्रभारी चन्द्रशेखर कुमार, झामुमो नेता आदित्य प्रधान, असित मिश्रा, भाजपा नेता बाप्टु साव समेत अन्य लोग गांव पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी. पदाधिकारियों ने कहा कि इस दुख की घड़ी में प्रशासन परिवार के साथ है. प्रशासन ने कहा है कि प्रशासन द्वारा परिवार को हरसंभव सहयोग किया जाएगा। वहीं ग्रामीण परिवार को ढांढस बांध रहे थे। लोगों ने जवान के शहीद होने पर जहां दुख व्यक्त किया. वही लोगों में गर्व भी है कि गांव का बेटा अपनी धरती मां की रक्षा करते हुए शहीद हो गया है।

शहीद जवान के भाई ने कहा-

शहीद के बड़ा भाई दिनेश हांसदा ने कहा-भाई को पढ़ाने के लिए खुद छोड़ा पढ़ाई,आज भाई हमें छोड़ गया।बहरागोड़ा प्रखंड की चिंगड़ा पंचायत के कोसाफलिया गांव निवासी सुगदा हांसदा के छोटा पुत्र आर्मी जवान गणेश हांसदा (21) चीन के हमले में लद्दाख में शहीद हो गया है। शहीद होने की सूचना पाकर पिता सुगदा हांसदा, मां कापरा हांसदा, बड़ा भाई दिनेश हांसदा, भाभी सोनाली हांसदा का रो-रोकर बुरा हाल है।शहीद के बड़ा भाई दिनेश हांसदा ने कहा कि छोटे भाई के शहीद होने की सूचना मंगलवार की रात में हेड क्वार्टर द्वारा दूरभाष पर दी गई। उन्होंने कहा कि सूचना पाकर वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि घटना की सूचना वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों को दें. दिनेश ने कहा कि देर रात में वह परिवार को घटना की सूचना दी.उसने कहा कि वह अपने छोटे भाई शहीद आर्मी जवान गणेश हांसदा को पढ़ाने के लिए खुद पढ़ाई छोड़ दी थी।आज वह हम सबको छोड़कर चला गया है।इससे उसे काफी दुख है. दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भाई के शहीद होने का जहां दुख है वही उसे गर्व है कि भाई ने देशवासियों के लिए और धरती मां की रक्षा के लिए अपनी जान की बलिदानी दे दी।उसने कहा कि सरकार अगर उसे भी मौका दे तो वह हंसते-हंसते देश के लिए सरहद पर जाने के लिए और कुर्बान होने के लिए तैयार हैं।उन्होंने कहा कि छोटे भाई के शहीद होने के बाद परिवार का सारा बोझ उसके सिर पर आ गया है।

वह खुद बेरोजगार है, किसी तरह खेती-बाड़ी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है छोटा भाई के सेना में नौकरी लगने से परिवार के लोग खुश थे।उसने कहा कि उसका छोटा भाई गणेश हांसदा सितंबर 2018 में आर्मी में ज्वाइनिंग किया था. उसकी ट्रेनिंग बिहार के पटना के दानापुर कैम्प में हुई थी. ट्रेनिंग के बाद उसका पहला पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी. बैच नंबर 167 था. कहा कि भाई अंतिम बार 3 दिसंबर 2019 को छुट्टी में घर आया था और 27 जनवरी 2020 को लद्दाख में ड्यूटी ज्वाइन किया था. कहा कि उसके शहीद भाई ने प्रारंभिक शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय कौसाफलिया में 1-8 वी तक की पढ़ाई की. 9 और 10 वी की पढ़ाई केरूकोचा उत्क्रमित उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा दी थी. इसमें वह प्रथम श्रेणी से पास किया. कहा कि इंटर की पढ़ाई जमशेदपुर के करणडीह कॉलेज से साइंस इंटर की परीक्षा दी थी, जिसमें वह फेल हो गया था।