जेएसएससी पेपर लीक मामले में एसआईटी काे मिला सरगना का सुराग,बिहार विधान सभा के मार्शल की तलाश…ससुर दामाद के साथ मिलकर करता था खेला…!

 

–झारखण्ड विधानसभा के अवर सचिव ढूंढता था अभ्यर्थी, बिहार विधान सभा का मार्शल पहुंचाता था सरगना तक पैसा

–रिश्ते में ससुर-दामाद है दाेनाें आराेपी, एक झारखण्ड विधान सभा में अवर सचिव ताे दूसरा बिहार विधान सभा में है मार्शल

राँची।झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की झारखण्ड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 के पेपर लीक मामले में साेमवार काे एसआईटी काे अहम सुराग मिला है। झारखण्ड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों की गिरफ्तारी के बाद बिहार विधान सभा के मार्शल माे. रिजवान की भी संलिप्तता सामने आई। बिहार विधान सभा का मार्शल माे. रिजवार रिश्ते में गिरफ्तार अवर सचिव का दामाद है। मार्शल के संलिप्तता की पुष्टि हाेने के बाद एसआईटी ने उसकी तलाश शुरू की ताे पटना के अनीशाबाद स्थित अपने घर से वह फरार मिला। एसआईटी ने बिहार विधान सभा के मार्शल माे. रिजवान की तलाश में पटना के अलावा मुजफ्फरपुर स्थित उसके पैतृक घर पर भी छापेमारी की लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब टेक्निकल सेल की मदद से एसआईटी बिहार विभान सभा के मार्शल की तलाश कर रही है। इधर, गिरफ्तार अवर सचिव मो. शमीम ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वह सिर्फ पैसा देने वाले अभ्यर्थियाें काे ढूंढने का जिम्मा लिया था। पैसा लेकर पटना के अनीशाबाद स्थित उसके घर तक पहुंचा देता था। सरगना तक पैसा दामाद माे. रिजवान ही पहुंचाता था। मालूम हाे कि पेपर लीक मामले में एसआईटी ने रविवार काे ही नगड़ी के नयासराय से झारखण्ड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों शहजादा इमाम व शाहनवाज इमाम को गिरफ्तार किया था।

6 अभ्यर्थियाें से हुई थी डील, 2 दिन पहले ही पटना में याद करा दिया था प्रश्न-उत्तर

पुलिस की पूछताछ में मो. शमीम ने बताया कि कुल 6 अभ्यर्थियाें से उसकी डीलिंग हुई थी। सभी 6 अभ्यर्थियाें से 27-30 लाख में साैदा तय हुआ था। 2 अभ्यर्थी की परीक्षा 28 काे सम्पन्न हुई थी। परीक्षा से 2 दिन पूर्व ही दाेनाें काे पटना भेज दिया गया था जहां बिहार विभान सभा का मार्शल माे. रिजवान रहने का व्यवस्था कराया था। दाेनाें अभ्यर्थी काे परीक्षा से पूर्व ही प्रश्न-उत्तर याद करा दिया गया था। इसके बाद उसे सेंटर तक छाेड़ा गया था। पुलिस काे दाेनाें अभ्यर्थियाें का नाम व पूरा पता भी आराेपी ने बताया है जिसके आधार पर जांच की जा रही है।

28 जनवरी को हुई थी परीक्षा, प्रश्न पत्र हाे गया था वायरल

जेएसएससी परीक्षा का आयोजन 28 जनवरी को सतवत इंफो प्रा. लि. ने किया था। परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे। आयोग की वेबसाइट पर भी ईमेल से उत्तर भेजे गए थे। परीक्षा के बाद मिलान हुआ तो अधिकतर सवालों के जवाब मिल रहे थे। ​फिर पहले तृतीय पाली की परीक्षा रद्द हुई। इसके बाद सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। परीक्षा रद्द हाेने के बाद नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई जिसके बाद एसआईटी जांच कर रही है।

अनीशाबाद में याद कराया था प्रश्न-उत्तर, कार से पहुंचाया था परीक्षा सेंटर

एसआईटी काे जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि 28 जनवरी काे परीक्षा में शामिल हाेने वाले दाेनाें अभ्यर्थी काे पटना के अनीशाबाद में प्रश्न-उत्तर रटाया गया था। एक का सेंटर धनबाद व दूसरे का सेंटर राँची में पड़ा था। ऐसे में पटना से दाेनाें काे एक कार में बैठाकर सेंटर तक छाेड़ा गया था। पेपर लीक करने वाले काे इस बात का डर था कि अगर पटना में ही दाेनाें काे छाेड़ देंगे ताे वह अपने किसी अन्य दाेस्त या परिचित काे भी प्रश्न-उत्तर बता देगा। यही वजह है कि दाेनाें काे उसके सेंटर तक छाेड़ा गया था। एसआईटी उस कार का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है जिससे दाेनाें काे पटना से परीक्षा सेंटर तक छाेड़ा गया था।