दुमका:प्रेम प्रसंग में प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी की पीट पीटकर हत्या कर दी,पीटने से पहले जहर भी खिला दिया था

दुमका।झारखण्ड दुमका जिले में सोमवार को 21साल के विवेक कुमार की पीट पीटकर हत्या कर दी है।एक वीडियो वायरल हुआ है वीडियो में युवक को जिस तरह की सजा, उसका वीडियो देखकर हर किसी की रूह कांप गई।वायरल वीडियो में करीब दस मिनट तक बहन काजल दरिंदों से भाई की जान बख्शने की विनती करती रहीं, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा।मामला प्रेम प्रसंग का है।प्रेमिका के परिजन ने जान लेकर एक प्रेमी को हमेशा के लिए जुदा कर दिया।बताया जा रहा है कि लखीकुंडी का विवेक साह विजयपुर सरूवा की एक नाबालिग युवती से बेपनाह मुहब्बत करता था। उसके प्रेम में पागल सा हो गया। दोनों के बीच जाति दीवार बन गई।लडक़ी बंगाली और युवक वैश्य समुदाय होने के कारण लड़की के परिजन इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे।

बताया जाता है कि प्रेमिका ने प्रेमी को मिलने के लिए घर बुला लिया। बस क्या था, यही आखिरी मुलाकात विवेक की जान पर बन गई। विवेक को घर के करीब देखकर लड़की के परिजनों ने पकड़ लिया। पहले उसे जहर खिलाया और फिर जमकर पिटाई की। करीब एक घंटे तक लड़की का चाचा मेघू गोराई और पिता अमित गोराई पिटाई करता रहा, लेकिन वहां पर मौजूद एक भी व्यक्ति उसे बचाने नहीं आया। किसी ने पिटाई का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो में दिख रहा है कि पिटाई के पौन घंटे बाद बहन काजल मौके पर पहुंची तो उसने भाई की लात घूंसे से पिटाई कर रहे लड़की के चाचा से विनती की। कहा कि भाई मर जाएगा। बांधकर पुलिस के हवाले कर दीजिए।, लेकिन दोनों पर उसकी विनती का असर नहीं पड़ा। उल्टे चेहरे पर लात और इंटाें से प्रहार कर बुरी तरह से घायल कर दिया। किसी तरह बहन भाई को बचाने के बाद पुलिस की मदद से उसे लेकर अस्पताल पहुंची। जहां इलाज के क्रम में उसने दम तोड़ दिया। जिस किसी ने वायरल वीडियो देखा तो उसकी रूह कांप गई।

इधर बताया जाता है विवेक के घरवाले शादी के लिए तैयार थे, लेकिन लड़की के परिजन इसके पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कई बार विवेक को चेतावनी भी। परिजनों ने 13 नवंबर को महिला थाना में शिकायत की कि विवेक उनकी बेटी को परेशान करता है। जबकि लड़की उससे कोई संबंध नहीं रखना चाहती है। पुलिस ने दोनों पक्ष को बुलाकर समझौता करा दिया। विवेक के पिता शंकर साह ने महिला थाना में कहा कि अब आगे से उनका बेटा न तो परेशान करेगा और न ही मिलने की कोशिश करेगा।

सोमवार को दोपहर पिटाई की बात सामने आने के बाद नगर थाना की पुलिस ने करीब तीन बजे आरोपी चाचा मेघू गोराई को पकड़कर मुफस्सिल थाना के सुपुर्द कर दिया था। पुलिस ने घटनाक्रम के बारे में जानने का प्रयास नहीं किया और पीड़ित परिवार की ओर से किसी तरह का आवेदन नहीं मिलने पर शाम सात बजे उसे छोड़ भी दिया। मंगलवार की सुबह थाना प्रभारी उमेश राम जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हें लोगों के कोप का भाजन बनना पड़ा। लोगों ने उन पर पैसा लेकर आरोपित को छोड़ने का आरोप लगाया। कहा कि जब मरने से पहले विवेक ने नगर थाना की पुलिस को जो टूटा फूटा बयान दिया था, उसके आधार पर आरोपित को छोड़ना नहीं चाहिए था। इस पर थानेदार ने कहा कि लिखित बयान मायने रखता है। बोल देने से कुछ नहीं होता है। जांच होगी कि विवेक ने जहर खाया है या फिर खिलाया गया है। गुस्साए लोगों ने साफ कहा कि आरोपित की जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक शव को उठने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद थाना प्रभारी ने पुलिस टीम को आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए भेजा, लेकिन मुख्य आरोपी चाचा हाथ नहीं आया।

इधर विवेक के भाई विकास साह का कहना था कि सोमवार को करीब एक से डेढ़ बजे के बीच भाई को घायल अवस्था में मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों से अनुरोध किया कि अगर हालत में सुधार नहीं है तो रेफर कर दीजिए, लेकिन डाक्टर सुधार की बात कहते रहे। रात करीब 12 बजे जब विवेक की हालत ज्यादा खराब हो गई तो डाक्टर ने उसे रेफर कर दिया।परिजन बाहर ले जाते, उससे पहले उसकी मौत् हो गई। विकास का कहना था कि अगर समय पर डाक्टर रेफर कर देते तो भाई की जान बच सकती थी।