सिस्टम:बुकिंग क्लर्क के पास से 6 रुपए ज्यादा मिले थे तो नौकरी चली गई,3 लाख लेकर भागा क्लर्क लौटकर कर रहा नौकरी

झारखण्ड न्यूज,राँची।

भ्रष्टाचार पर रोचक खबर,एक अखबार के रिपोर्टर के सौजन्य से-

भ्रष्टाचार पर दो दशक पहले किस तरह कार्रवाई हुई थी।किस तरह 6 रुपये अधिक काउंटर में मिलने से नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।अभी के समय मे किस तरह कार्रवाई हुई।जहां लाखों लेकर भागने वाले नौकरी कर रहा है।दरअसल,राँची के रहने वाले आर वर्मा ने 26 साल पहले सेंट्रल रेलवे मुंबई में बुकिंग क्लर्क के पद पर ज्वाइन किया था। दाे साल बाद ही 1997 में रेलवे विजिलेंस का छापा पड़ा। वर्मा के पास टिकट और पैसे के मिलान में छह रुपए ज्यादा पाए गए, जिससे 10 फरवरी 2002 काे नाैकरी गवानी पड़ी।बताया गया कि आर वर्मा ने रेलवे के हर प्लेटफाॅर्म पर अपनी बात रखी, लेकिन काेई नहीं सुना, क्याेंकि गुनाह बड़ा था। दूसरी ओर, डेढ़ साल पहले हटिया बुकिंग काउंटर से बुकिंग क्लर्क तीन लाख से ज्यादा रुपए लेकर फरार हाे गया। रेल पुलिस उसे खाेजती रही, लेकिन इस मामले में उसे फिर से नाैकरी पर रख लिया गया।वहीं, तीन साल पहले राँची रेल डिविजन के हटिया बुकिंग काउंटर में करोड़ों का घोटाला होने की सूचना पर विजिलेंस की छापेमारी के बाद 10 रेलकर्मी सस्पेंड कर दिए गए। अब सस्पेंड हुए 10 रेलकर्मी फिर से नाैकरी में आ गए। रेलवे नहीं बता पाया कि कितने कराेड़ का घोटाला हुआ। 26 साल पहले क्लर्क पर कार्रवाई करने वाले सतीश पी डोडे सीनियर डीसीएम थे। अब वे द.-पू.रेलवे के प्रधान चीफ कॉमर्शियल मैनेजर हैं।

आर. वर्मा नौकरी के लिए 17 साल से लड़ रहे केस, घोटाला पर राँची रेलवे के अफसर कुछ नहीं बोलते

आर वर्मा ने बताया कि कैश काउंटर से छह रुपए ज्यादा बरामद हुआ था। इसके अलावा भी विजिलेंस ने आराेप लगाए, जिसमें 58 रुपए कम और जिस अलमारी का मालिक बुकिंग सुपरवाइजर रहता है, चाबी उसके पास रहती है। आराेप वर्मा लगा कि 450 रुपए आलमारी में रखे।इसके लिए विजिलेंस ने अपने केस काे मजबूत करने के लिए एक गवाह खड़ा कर दिया। वर्मा कहते घटना के बाद 24 साल से इंसाफ मांग रहे हैं, नहीं मिल रहा है। इंसाफ के लिए वर्मा ने मुंबई हाईकाेर्ट का दरवाजा खटखटाया। केस किए 17 साल बीत गए, काेर्ट से केवल तारीख मिली, लेकिन इंसाफ आज तक नहीं मिला। अभी भी इंतजार में हैं कि काेर्ट से इंसाफ मिलेगा, लेकिन कब मिलेगा, यह उन्हें भी पता नहीं है।

हटिया बुकिंग ऑफिस में करोड़ों के घोटाले की सूचना पर विजिलेंस ने की थी छापेमारी, 10 रेलकर्मी हुए थे सस्पेंड

तीन साल पहले राँची रेल डिविजन के हटिया बुकिंग काउंटर में रेलवे बाेर्ड की विजिलेंस विभाग का छापा पड़ा। विजिलेंस काे जानकारी मिली थी कि बुकिंग ऑफिस में कराेड़ाें का घोटाला हुआ है। इसी आराेप में 10 रेलकर्मी काे सस्पेंड कर दिया गया।अभी तक विजिलेंस विभाग कराेड़ाें के घपले हाेने का आराेप सिद्ध नहीं कर पाया और सस्पेंड हुए 10 रेलकर्मी फिर से नाैकरी में आ गए। बड़ी बता है कि 26 साल पहले कार्रवाई करने वाले द.पू. रेलवे मुख्यालय में प्रधान चीफ कॉमर्शियल मैनेजर हैं। इसके बावजूद आरोपी ढूंढ नहीं पाए।

साभार:DB