गिरिडीह:माँ इतनी निर्दयी कैसे हो गई ! ठिठुरती ठंड में नवजात बच्ची को गड्ढे में फेंका,नवजात बच्ची को अपनाने के लिए एक दम्पति आगे आयी तो कानूनी अड़चन आ गई है,पुलिस नवजात बच्ची के माता पिता का पता लगाने में जुटी है

गिरिडीह:झारखण्ड के गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र के गम्हारडीह के टोला असगोनो में एक नवजात बच्ची लावारिश हालत में मिली है।बताया जाता है कि गांव के तालाब के किनारे गढ्ढे में नवजात पड़ी हुई थी। जब कांटीदिघी लिलैया निवासी मनोज यादव रविवार सुबह अपने खेत की तरफ जा रहे थे ।इसी दौरान उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। गड्‌ढ़े के समीप जाकर देखा तो एक पुरानी चादर में नवजात को लपेट कर फेंका गया था। इस दौरान उन्होंने शोर मचा कर आसपास गांवों के लोगों को बुलाया।वहीं नवजात बच्ची मिलने की खबर पर आसपास के भारी संख्या में लोग पहुंच गए। इस दौरान असगोनो गांव के माला हाजरा की पत्नी लखिया देवी ने बच्ची को गोद में उठा लिया। उसे लेकर वह घर लाईं। परिवार इस बच्ची को अपनाने के लिए तैयार है।

इधर मामले की सूचना देवरी पुलिस को दी गई। देवरी थाने के सब इंस्पेक्टर अजय सोय के नेतृत्व में पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। नवजात को कब्जे में लेकर जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र देवरी भेज दिया। जांच के बाद पुलिस बच्ची के परिवार का पता लगाने का दावा कर रही है। अगर परिवार के बारे में जानकारी नहीं मिलती तो गोद लेने के इच्छुक परिवार को बच्ची देने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

वहीं गांव के लोगों का दावा, बाइक से आए 2 लोगों ने बच्ची को फेंका है।इलाके में बच्ची की बरामदगी के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। कुछ लोगो का कहना है कि सुबह 5 बजे एक बाइक में 2 लोग तालाब के किनारे आए। इन लोगों के द्वारा ही नवजात को गड्‌ढ़े में रखा गया है। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि नवजात का जन्म अस्पताल में हुआ है। परिवार के लोग रात में इसे फेंक गए हैं।

इधर बच्ची को अपनाने के लिए हाजरा परिवार आगे आया है। माला हाजरा और लखिया देवी को कोई बच्चा नहीं है। वह इस बच्ची को ईश्वर का आशीर्वाद मानकर स्वीकार करने के लिए तैयार है। अब पूरा मामला कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर फंसा है।