धनबाद जिले के भू-अर्जन घोटाले में आरोपी पदाधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध दर्ज होगी प्राथमिकी

धनबाद/राँची। धनबाद जिले के धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह मौजा में भू-अर्जन की प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता और भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में आरोपी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ दर्ज की जाएगी प्राथमिकी, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने प्रस्ताव पर अपनी सहमती दे दी है। बताते चलें कि भू अर्जन प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता और भू अर्जन घोटाला की जांच एसीबी कर रही है। भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले मे तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी रहे श्री उदयकांत पाठक (सेवामुक्त) और श्री नारायण विज्ञान प्रभाकर (सेवानिवृत) पर दर्ज होगी प्राथमिकी। धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह में भूमि अर्जन में हुई अनियमितता मामले में आरोपी तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी श्री लाल मोहन नायक समेत कई और पदाधिकारी और कर्मियों पर दर्ज होगा मुकदमा।

धनबाद जिला के भू-अर्जन घोटाले में आऱोपी पदाधिकारियो और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इसके तहत धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह मौजा में भू-अर्जन की प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता मामले में आरोपी पदाधिकारियों और कर्मियों तथा भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में दो पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. ज्ञात है कि इन दोनों मामलों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी कर रही है.

इनके खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी

धनसार हीरक रिंग रोड के गोलकाडीह में भू-अर्जन प्रक्रिया में हुई अनियमितता मामले में तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी श्री लाल मोहन नायक, तत्कालीन प्रभारी कानूनगो श्री विजय कुमार सिंह, तत्कालीन अमीन श्री श्यामपद मंडल, कार्यालय सहायक श्री रामाशंकर प्रसाद, तत्कालीन नाजीर श्री मो जिलानी (सेवानिवृत) , तत्कालीन कार्यपालक अभियंता श्री राजकुमार प्रसाद (सेवानिवृत), तत्कालीन सहायक अभियंता श्री अरुण कुमार सिंह, तत्कालीन कनीय अभियंता श्री जगतानंद प्रसाद और अधिवक्ता श्री रमेश कुमार प्रसाद तथा अन्य लाभार्थी शामिल हैं. वहीं, भारतीय खनिज विद्यापीठ से संबंधित मामले में तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी श्री उदयकांत पाठक (सेवामुक्त) और तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी श्री नारायण विज्ञान प्रभाकर (सेवानिवृत) पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

क्या है पूरा मामला

झरिया पुनर्वास प्राधिकार द्वारा वर्ष 2010 में बाघमारा थाना क्षेत्र के तिलाटांड में 59.4 एकड़ भूमि अर्जित करने का प्रस्ताव मिला था. इस प्रस्ताव के तहत भू अर्जन के लिए अधिसूचना पर तत्कालीन उपायुक्त का अनुमोदन प्राप्त किया गया. वर्ष 2013 में आऱोपी पदाधिकारी श्री उदयकांत पाठक द्वारा पदाधिकारियों द्वारा 15 रैयतों के बीच 20 करोड़ से भी अधिक राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया. लेकिन, रैयतों को मुआवजा भुगतान करने हेतु सक्षम पदाधिकारी से दर निर्धारित नहीं कराई गई. इसके अलावा भू अर्जन अधिनियम औऱ झारखंड स्वैच्छिक भू अर्जन नियमावली के अंतर्गत निर्धारित अवधि के अंदर प्रभावित रैयतों से सहमति पत्र प्राप्त कर उचित मुआवजा भुगतान करने हेतु दखल कब्जा प्राप्त करने संबंधी निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया. इसके बाद रैयतों को भुगतान की कार्रवाई की गई और उसके पश्चात पंचाट की घोषणा नहीं होने से अभिलेख को व्ययगत घोषित कर दिया गया. इससे साफ है कि आरोपी पदाधिकारी श्री उदयकांत पाठक द्वारा गलत मंशा से राशि भुगतान की गई. इसमें 11 रैयतों को जोड़ापोखर पैक्स के माध्यम से भूमि का बगैर दखल कब्जा प्राप्त किए राशि भुगतान कराई गई. धनसार में संबंधित रैयतों को भुगतान की गई राशि बिचौलियों द्वारा निकाल ली गई.