बिजली संकट:राँची के सांसद संजय सेठ ने कैंडल जलाकर प्रेस-कॉन्फ्रेंस किया,हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर बरसे…

राँची।राँची लोकसभा के सांसद संजय सेठ ने बुधवार जनसमस्याओं पर प्रेसवार्ता का आयोजन किया।इस दौरान वह राज्य में बढ़ते बिजली संकट पर सरकार को घेरने के लिये कैंडल जलाकर प्रेसवार्ता की।प्रेसवार्ता में उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।राज्य में बिजली संकट के बढ़ने पर लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में बिजली संकट फिर भी ठीक है लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्थिति और खराब है।ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफार्मर की खराब हो जाने पर बनने में ही महीनों लग जाते है। आज की सरकार किसानों के साथ भी धोखा कर रही है। भारत सरकार अनाज भेजती है, मगर गरीब को नहीं मिलता,भ्रष्टाचार चरम पर है।राज्य सरकार की नीयत सही नहीं है। उन्होंने रिम्स की खरब व्यवस्था और शहर में बढ़ती जाम की समस्या पर भी सरकार पर उंगली उठाई।

जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार:-

सांसद श्री संजय सेठ ने कहा कि झारखंड की बदहाली की जिम्मेदार झूठी,मक्कार और भ्रष्ट सरकार के 3 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस झूठी सरकार ने इन 3 सालों में झारखंड की जनता को खूब सब्जबाग दिखाए परंतु हकीकत हम आए दिन अखबारों में पढ़ा रहे हैं। टीवी चैनलों में देख रहे हैं। महीने में कई बार तो माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी आ जाती है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है परंतु सरकार भ्रष्टाचार में ही मस्त है। राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, बिजली, रोजगार…हर मुद्दे पर यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है।रांची की लगातार खराब होती स्थिति पर सांसद आज अपने केंद्रीय कार्यालय में कैंडल लाइट प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बिजली का आलम यह है कि राजधानी रांची में 6 से 7 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो सिर्फ 4 घंटे बिजली मिल रही है। कई उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर हैं। लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है, परंतु इन सब से सरकार को कोई मतलब नहीं है।

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बात करें। तो वहां की स्थिति पर आए दिन माननीय उच्च न्यायालय टिप्पणी करते हैं। परंतु सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि लाइट काटने से एक नवजात की मौत हो जाती है। उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। यह सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। इसे अब जनता के सरोकार से कोई मतलब नहीं है।

सांसद ने कहा कि रांची की ट्रैफिक व्यवस्था का आलम यह है कि आधे से अधिक ट्रैफिक वाले स्थानों पर टाइमर नहीं चलता है। जाम बेतहाशा है। बार-बार सलाह देने के बाद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगा, परिणाम है कि आज हर तरफ जाम लग रहा है। रांची का हर नागरिक परेशान है।

श्री सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना एक ऐसी योजना है, जिसके तहत केंद्र सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है परंतु राज्य सरकार को यहां भी नागवार गुजर रहा है। और वह अनाज भी कालाबाजार में बेचा जा रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व अखबारों में खबर आई कि ट्रक के ट्रक अनाज गायब कर दिए गए और सरकार चुपचाप बैठी रही।

सांसद ने कहा कि भ्रष्टाचार की कहानी तो पूछिए मत। ईडी अब संपत्तियां जप्त करने में लगा हुआ है। झारखंड में कोई एक पूजा सिंघल या अभिषेक झा नहीं हैं। यहां कई पूजा सिंघल कुंडली मारे बैठे हैं। मेरा आग्रह राज्य सरकार से थोड़ी सी भी लोक लज्जा और मर्यादा बची हो तो इन सभी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करें। उनकी संपत्ति जप्त करें और इनकी संपत्ति का उपयोग जनकल्याण के काम में किए जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल, स्कूल कॉलेज खोले जाएं। पल्स अस्पताल को भी ईडी के द्वारा जप्त करने की बात सामने आई है।

श्री संजय सेठ ने कहा कि राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि ईडी से बात करके उक्त अस्पताल को रिम्स के हाथों दे दिया जाए। इससे और अधिक गरीबों का इलाज हो सकेगा।

सांसद ने कहा कि सबसे दुखद आश्चर्य है कि मेन रोड में जो दंगा हुआ, उस दंगे की फाइल बंद कर दी गई। आखिर किसके दबाव में इसे बंद किया गया, सरकार को इसका जवाब जनता को देना चाहिए। 3 दिनों तक रांची की जनता बंधक बनी रही। कर्फ्यू का नजारा रहा, इंटरनेट बंद कर दिए। इतना भीषण दंगा हुआ और उसकी फाइल बंद कर दी गई। यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है।
कुल मिलाकर यह सरकार भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण के एजेंडे पर काम कर रही है यह सरकार और कोई एजेंडा बचा नहीं है। कुछ दिन बाद यह सरकार 3 साल का कार्यकाल पूरा करेगी तो झूठ की उपलब्धियां गिनाई जाएंगी। मेरा मानना है कि इस राज्य को इससे निकम्मी और भ्रष्ट सरकार आजतक नहीं मिली।

मैं फिर से आग्रह करता हूं कि मान मर्यादा बची है तो या तो पूरी की पूरी सरकार इस्तीफा दे नहीं तो जनता की जो बुनियादी जरूरत है, उन्हें दुरुस्त करने की दिशा में कठोर कदम उठाएं।