लॉकडाउन भारत 2-0: लॉकडाउन में भी ईंट भट्ठों में धड़ल्ले से चल रहा है काम,पुलिस कह रही है मेरे क्षेत्र में नहीं है कोई भट्ठा…

धनबाद।राजगंज थाना क्षेत्र में सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन सबके लिए समान रूप से प्रभावी नहीं दिखता।यहां के ईंट भट्ठों में अभी भी काम चल रहा है. राजगंज थाना से दो किमी दूर कतरास राजगंज मुख्य सड़क मार्ग पर कांको हिल स्कूल के सामने एक एसडीएफ नामक चिमनी ईंट भट्ठे में ईंटों  की पथाई, ढुलाई, निकासी और पकाई साथ-साथ चल रही है।जिसे सड़क किनारे से ही देखा जा सकता है।इस भट्ठे में 50 से अधिक ईंट बनाने वाले, 5 फायर मेन चौबीसों घंटे रह कर भट्टे को सुचारू रूप से  चला रहे हैं. जबकि प्रतिदिन सुबह 20 से 25 स्थानीय मजदूर भी इस भट्ठे में आकर ईंटों की ढुलाई करते हैं पर स्थानीय पुलीस को इसकी भनक तक नहीं हैं।

यहां पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम लॉकडाउन का उल्लंघन किया जा रहा है. बताया जाता है इस भट्ठे का संचालन डमरू महतो नामक व्यक्ति करता है जो बाघमारा विधायक का करीबी है. बताया जाता है कि एक जमाने में दोनों की काफी घनिष्ठता रही है।

ईंट भट्ठे में खपाया जाता है चोरी का कोयला

राजगंज के स्थानीय लोगों का तो यहां तक कहना है कि इस कतरास इलाके की कई कोलियरी से कोयला चोरी कर स्कूटर और मोटरसाइकिल के जरिए इसे भट्ठे में पहुंचाया जाता है. चोरी का कोयला पहुंचाने का काम रात के अंधेरे में किया जाता है. लेकिन हैरत की बात यह है कि स्थानीय पुलिस को इस बात की जानकारी तक नहीं है. इस संबंध में हमने राजगंज थाना प्रभारी चंदन कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में एसडीएफ नामक ईंट भट्ठे का संचालन नहीं होता है. जबकि सड़क पर से ही इस ईंट भट्ठे को आसानी से देखा जा सकता है. अगर तकनीकी रूप से देखा जाए तो काम बंद होने पर एक या दो दिनों तक ही ईंट भट्ठे की चिमनी से धुआं निकल सकता है. 

 धनबाद जिले में सौ से ज्यादा भट्ठे हैं संचालित

धनबाद जिले में फिलहाल सौ से ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित हैं. इन भट्ठों के संचालन के लिए प्रतिदिन पांच टन कोयले की जरूरत पड़ती है. लेकिन यह कोयला इन्हें कहांं से मिलता है इसका जवाब न तो जिला प्रशाशन और न ही पुलिस प्रशासन के पास ही है. क्योंकि इनके पास न तो लिंकेज का कोयला आता है और न ही कोई अन्य सरकारी वयवस्था के तहत इनको कोयले की आपूर्ति की जाती है. इसके बावजूद ये ईंट भट्ठे लॉकडाउन के समय में भी गुलजार है.  

अधिकारियों को भी नहीं दी जाती है सही सूचना

जब किसी बड़े अधिकारी द्वारा इन भट्ठों के चालू होने की जानकारी मांगी जाती है तो उन्हें भी सही जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जाती है. अगर सही रूप से इस लॉकडाउन के समय में जिले के किसी बड़े अधिकारी से जांच करायी जाए तो धनबाद में अब भी कई ईंट भट्ठे चालू मिलेंगे, जहांं अब भी बेखौफ होकर ईंटों की पथाई,  ढुलाई और उन्हें पकाने का काम चल रहा है.