डीजीपी नीरज सिन्हा और डीजी अनुराग गुप्ता ने पुस्तक रेडी रेफरेंस का किया विमोचन,अपराध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मिला 48 नए दारोगा को प्रशिक्षण…

राँची।अपराध के बदलते स्वरूप और अपराध में तकनीक के बढ़ते प्रयोग के बीच पुलिस के अनुसंधान को कैसे बेहतर बनाया जाए ताकि अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।इसके लिए जूनियर अफसरों को ट्रेंड किया जा रहा है।अपराध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय राँची में आयोजित 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने नव निर्मित डेमोस्ट्रेशन हॉल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही अपराधों के अनुसंधान के लिए बनाए गए एसओपी पर आधारित पुस्तक रेडी रेफरेंस का विमोचन डीजी अनुराग गुप्ता के द्वारा किया गया। 10दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सभी जिलों से 2018 बैच के 48 दारोगा शामिल हुए।

होटवार स्थित इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल में इन एसआई स्तर के अधिकारियों को अपराध के नए स्वरूप,अनुसंधान की नई तकनीक, कानूनों में बदलाव के साथ-साथ साइबर, फॉरेंसिक, एक्सप्लोसिव साइंस, ड्रग्स, नकली नोट, हथियार और कारतूस की परख के साथ-साथ मामलों को सुलझाने के लिए क्राइम सीन कैसे क्रिएट किया जाय यह सिखाया गया।मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने सभी प्रतिभागियों के बीच प्रमाणपत्र का वितरण किया। कार्यक्रम में आईजी प्रिया दूबे, असीम विक्रांत मिंज, पंकज कंबोज, डीआईजी अनीश गुप्ता एसएसपी किशोर कौशल सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।