आसमान से तंबू पर बरसी मौत,वज्रपात से माँ और तीन बच्चों की मौत….सभी मृतक बंजारा परिवार के हैं

जामताड़ा।झारखण्ड के जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के चन्दाडीह- लखनपुर गांव में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गयी।घटना रविवार शाम करीब साढ़े सात बजे की है।जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के कुर्सीला गांव का बंजारा परिवार कुछ दिनों से चंदाडीह-लखनपुर गांव में तंबू लगाकर रह रहा था।परिवार में कुल सात लोग हैं।रविवार देर शाम को तंबू में आसमानी बिजली गिरने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। मृतकों में नेहा चौधरी (33वर्ष),अंकित चौधरी (11 वर्ष) गगन चौधरी (05 वर्ष) और इक्षा चौधरी (10 महीना) शामिल हैं।वज्रपात मृत चारों एक ही परिवार के थे।सभी धुनु चौधरी के परिवार से थे।हालांकि घटना के बाद सभी को 108 एंबुलेंस के द्वारा सीएचसी नारायणपुर लाया गया, जहां चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि तंबू में ये लोग वीडियो देख रहे थे। इसी दौरान आसमान से मौत बरसी और इन चारों की मौके पर ही मौत हो गयी। वज्रपात से घायल चारों को 108 एम्बुलेंस से सीएचसी नारायणपुर लाया गया, लेकिन यहां भी परिजनों की बदनसीबी और अस्पताल की कुव्यवस्था दिखी। बेबस परिजन चिकित्सक को पूरे अस्पताल परिसर में ढूंढने लगे।

बंजारा परिवार के धुनु चौधरी ने बताया कि हम लोग घुमंतू हैं। भोजन-पानी की तलाश में यहां-वहां घूमते रहते हैं।शहद इत्यादि एकत्र कर उसे ग्रामीणों में बेचते है। उसी से रोजी- रोटी चलता है।प्रतिदिन की तरह रविवार को भी हम लोग परिवार के सात लोग तंबू में जमा हुए। जिस वक्त यह घटना हुई तंबू में चार लोग थे।हम लोग तंबू से ठीक सामने थे।उनकी पत्नी और तीन बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन वीडियो देख रहे थे।इसी दौरान आसमानी बिजली गिरी और सभी घायल हो गए।अस्पताल लाया गया तो चिकित्सको ने जांच के बाद कहा कि चारों की मौत हो गयी है।इस घटना में धुनु चौधरी की पत्नी नेहा चौधरी, 11 वर्षीय पुत्र अंकित चौधरी, 5 वर्षीय गगन चौधरी और 10 महीने की दुधमुंही अंकिता चौधरी की जान चली गयी।यह घटना इतनी हृदय विदारक थी।अस्पताल पहुंचे परिजन रो रहे थे। 7 वर्षीय अनिता चौधरी नि:शब्द हो अपनी मां को ढूंढ रही थी।

इधर वज्रपात से घायल चारों को 108 एम्बुलेंस से सीएचसी नारायणपुर लाया गया, लेकिन यहां भी परिजनों की बदनसीबी और अस्पताल की कुव्यवस्था दिखी. बेबस परिजन चिकित्सक को पूरे अस्पताल परिसर में ढूंढने लगे। 10-12 मिनट तक इधर-उधर चक्कर लगाने के बाद आयुष चिकित्सक डॉ दिलीप बराइक पहुंचे।उन्होंने कहा कि मेरी पद्धति आयुष चिकित्सा की है।इसीलिए मैं चारों को मृत्यु घोषित नहीं कर सकता। केवल इतना कह सकता हूं कि चारों के हार्टबीट कार्य नहीं कर रहे हैं। इसलिए सदर अस्पताल जामताड़ा भेज रहे हैं। जब वज्रपात से घायल चारों लोग अस्पताल आए तो बिजली नहीं थी। क्षेत्र में बिजली गुल थी, लेकिन अस्पताल में जनरेटर होने के बाद भी बिजली की व्यवस्था प्रबंधक द्वारा नहीं की गई। परिजन ने कहा कि हम लोग घुमंतू हैं, जगह-जगह भोजन पानी की तलाश में घूमते रहते हैं।इस दौरान उपचार इत्यादि की भी जरूरत होती है लेकिन इस अस्पताल में जो कुव्यवस्था है, शायद ही कहीं होगी।हम लोग परदेसी हैं ज्यादा क्या बोलें ?

वहीं नारायणपुर के बीडीओ प्रभाकर मिर्धा ने कहा कि घटना काफ़ी दुःखद है।सरकार के मार्गदर्शन पर परिवार को जो भी मदद मिलनी चाहिए।उसे दिलाने के लिए पूर्ण प्रयास करूंगा।

घटना की सूचना मिलने के बाद आज सुबह काफी संख्या में ग्रामीण घटन्स स्थल पर पहुँचे हैं।बंजारा परिवार को कुछ मदद मिले इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।