#JHARKHAND:राज्य में बंद पड़ी कपड़े और जूते की दुकानें 16 जून को नहीं खुलेंगी,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि दुकानों को खोलने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद लिया जाएगा।

राँची।झारखण्ड राज्य में बंद पड़ी कपड़े और जूते की दुकानें 16 जून को नहीं खुलेंगी ।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि दुकानों को खोलने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद लिया जाएगा।

प्रोजेक्ट भवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम ने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करने वाले हैं।

इसके बाद ही राज्य सरकार अनलॉक-1 में कपड़े और जूते की दुकानों को रियायत देने पर कोई फैसला करेगी।

सीएम सोरेन ने कहा कि राज्य में पहले ही काफी छूट दी गयी है. अब सरकार की नजर पीएम मोदी के साथ होने वाली वीडियो कांफ्रेसिंग पर टिकी है उनसे बातचीत में क्या बात सामने आती है, यह भी देखना है।

केंद्र के स्टैंड के बाद राज्य सरकार को कोई निर्णय लेने में थोड़ी सहुलियत होगी।

व्यवसायियों और जेएमएम प्रवक्ता ने रियायत देने की कही है बात

बता दें कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन (अनलॉक-1) के दौरान कई क्षेत्रों को खोलने का निर्देश दिया था. इसमें धार्मिक स्थलों सहित कपड़े और जूते-चप्पल की दुकानें, निजी बसों का परिचालन शामिल था.

इसके उलट राज्य में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देख हेमंत सरकार ने इन्हें बंद रखने का ही फैसला किया था. बाद में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने अपनी परेशानी बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राहत देने की भी मांग की थी.

राँची वस्त्र विक्रेता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था. व्यवसायियों की परेशानी को देखते हुए जेएमएम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी बीते शुक्रवार को कहा था कि राज्य में गतिविधियां सामान्य होनी चाहिए. इसके लिए बंद संस्थानों और दुकानों को खोला जाना बेहतर होगा.

श्रावणी मेले को लेकर कहा,

केंद्र ने पहले ही साफ कर दी है तस्वीर
विश्वविख्यात श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर सीएम सोरेन ने कहा कि किसी तरह के धार्मिक मेले या आयोजन को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही तस्वीर साफ कर दी है.

हालांकि राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देख सरकार जल्द ही कोई फैसला नहीं लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या एक चिंता का विषय है।

चिंता इस बात की है कि कई दूसरे राज्यों की तरह झारखंड भी उसी श्रेणी में न आ जाये. सीएम ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार बड़े निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेगी।