Jharkhand:सिमडेगा में गोली लगने से घायल चन्दन प्रसुन्न ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर दर्ज कराया था मामला,पुलिस की जाँच में कहानी कुछ ओर निकला..

सिमडेगा।सिमडेगा पुलिस ने शहर में चर्चित चंदन प्रसून गोली कांड का उद्भेदन कर लिया है सिमडेगा एसपी ने बताया कि घटना बहुत ही पेचीदा तरीके से मनगढ़ंत कहानी बनाकर पुलिस को दिग्भ्रमित करने का काम किया गया था उन्होंने बताया कि थानान्तर्गत ब्लॉक कॉलोनीवासी चन्दन प्रसुन्न के द्वारा मामला दर्ज कराया कि 7 फ़रवरी को करीब साढे आठ बजे रात्रि में घर लौटते समय संत मैरी स्कूल के ग्राउण्ड के सामने अंकित मिंज एवं एक अन्य अज्ञात ने उस पर गोली चला दी ।उसने बताया कि किसी तरह घटनास्थल से मोटर साईकिल चलाकर कुंजनगर हनुमान मंदिर के पास रोका, जहाँ पर स्थानीय रामजी यादव, मनीष सिंह और अमरजीत सिंह खड़े थे, जिन्हें घटना की जानकारी दी तथा तीनों इन्हें ईलाज हेतु सदर अस्पताल, सिमडेगा ले गये, जहाँ प्राथमिक ईलाज के बाद उसे राँची रिम्स रेफर कर दिया गया।

सिमडेगा पुलिस ने तत्काल हीं नामजद प्राथमिकी अभियुक्त अंकित मिंज को उसके आवास से उठाया और पूछ-ताछ में जुट गयी। परन्तु पुलिस को घटनास्थल पर घटना का कोई सुराग नहीं मिला।सिमडेगा पुलिस ने इस विरोधाभास को एक चुनौती के रूप में लेते हुए काण्ड का गहन अनुसन्धान गंभीरतापूर्वक कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तत्परता से प्रारम्भ किया। तब यह बात प्रकाश में आई कि घटना की रात्रि वादी चन्दन प्रसुन्न, अपने दोस्त मनीष सिंह के कुन्जनगर स्थित परसुराम साह के किराये के मकान में बैठ कर शराब पी रहा था। उसी कमरे में अमरजीत सिंह भी मौजूद था। इसी बीच मनीष सिंह अपना अवैध पिस्तौल निकाल कर उसे साफ कर ही रहा था कि एकाएक गोली चल गयी और चन्दन प्रसुन्न के पैर में गोली लग गई। मनीष सिंह ने रामजी यादव की मदद से फायर किया हुआ पिस्तौल और एक जिन्दा गोली को छिपाने के लिए अमरजीत सिंह की मदद ली। अमरजीत सिंह ने अवैध पिस्तौल एवं गोली को एक व्यक्ति की झोपड़ी में लाकर छिपाना चाहा। मगर उस व्यक्ति के द्वारा विरोध करने पर उसे धमकी दी गयी। साथ चलने को मजबूर करते हुए साथ ले जाकर पिस्तौल और गोली को छठ तालाब के पास चाहरदीवारी के अन्दर झाड़ी में छिपा दिया गया।

जिसे सिमडेगा थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने ढूंढ़ निकाला एवं एक मनगढन्त दास्तान से सुसज्जित काण्ड का पर्दाफाश हुआ।इस प्रकार अमरजीत सिंह के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर इस घटना में प्रयुक्त देशी कट्टा खोखा एवं जिन्दा गोली को जप्त किया जा चुका है। एक गिरफ्तारी की जा चुकी है।घटनाक्रम में शामिल अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है। सिमडेगा एसपी ने कहा कि सिमडेगा पुलिस के द्वारा किसी बेगुनाह को जेल नहीं भेजा जा सकता है उन्होंने कहा इस साजिश में बहुत ही रोचक तरीके से पुलिस को गुमराह करने की साजिश थी लेकिन पुलिस ने अपनी चालाकी से एक निर्दोष को जेल जाने से बचा लिया।छापेमारी दल में थाना प्रभारी दयानन्द कुमार, सब-इंस्पेक्टर अक्षय कुमार मनीष रॉय एएसआई जितेंद्र सिंह शामिल रहे।