आरपीएन सिंह पर फुरकान अंसारी के आरोप गंभीर, सीबीआइ जांच की अनुशंसा करे सरकार: भाजपा प्रवक्ता

राँची। प्रदेश कांग्रेस की टीम के भीतर मचे सियासी झगड़े में अब भाजपा भी कूद गई है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी के आरोपों को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की अनुशंसा करे। प्रतुल ने यह भी कहा कि फुरकान अंसारी के बयान से वह आरोप पुख्ता हो जाते हैं, जो भाजपा लंबे समय से लगाती आ रही है। मंत्रियों द्वारा पैसे पहुंचाने के आरोप पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस ने झारखण्ड को चारागाह बना दिया है। फुरकान अंसारी के अनुसार ही चारों मंत्री एक निश्चित रकम हर महीने प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह को पहुंचाते हैं। अब भ्रष्टाचार के तार झारखण्ड से सीधे दिल्ली दरबार तक जुड़े हुए प्रतीत होते हैं।राज्य सरकार को अविलंब इसकी जांच के लिए सीबीआइ जांच की अनुशंसा करनी चाहिए, क्योंकि मामला एक से ज्यादा राज्यों से संबंधित है। फुरकान ने यह भी आरोप लगाया है कि आरपीएन सिंह झारखंड में ऐश-ओ-आराम करने आते हैं। इन सब बातों का जवाब प्रभारी को देना चाहिए। प्रतुल ने कहा कि झारखंड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। फुरकान अंसारी कांग्रेस के अति वरिष्ठ नेताओं में हैं। उनकी बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। एक और सरकार खजाना खाली होने का रोना रोती है, वहीं दूसरी ओर झारखण्ड का खजाना दिल्ली भेजा जा रहा है।

इधर,पिछले दो दिनों से कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी लगातार अपनी ही पार्टी के चारों मंत्रियों पर प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह तक नियमित रूप से पैसे पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। उधर कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व और प्रदेश प्रभारी को लेकर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी का रुख अभी भी नाराजगी भरा है। गुरुवार को फुरकान ने पार्टी के भीतर असंतोष का मुद्दा उठाया और इसके लिए प्रदेश प्रभारी व कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेवार ठहराया।उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने की संभावनाओं से इन्कार नहीं जा सकता। ऐसे लोगों को उन्होंने पार्टी में रहकर ही संघर्ष करने का सुझाव भी दिया। साथ ही यह भी जोड़ा कि अगर कोई विधायक कांग्रेस छोड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता की होगी। कांग्रेस विधायकों का काम नहीं होगा तो आखिर कोई कब तक इंतजार करेगा। उन्होंने आरोप लगाए कि अधिकारियों की पोस्टिंग में कांग्रेस विधायकों की नहीं चलती है और विकास कार्य हो नहीं पा रहे हैं।

विधायकों को भी अपने क्षेत्र में जनता को जवाब देना है। ऐसे में कोई भी कदम उठाने के लिए विधायक बाध्य होंगे। प्रदेश अध्यक्ष पर जहां संगठन को मजबूत करने का दायित्व है वहीं विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी है कि वे सभी को साथ लेकर चलें।