बासुकीनाथ में अमरनाथ सिंह की हत्या, 8 से 10 अपराधियों ने रेकी कर की,चार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज…..सीसीटीवी में दिखे अपराधी….

दुमका।झारखण्ड के जमशेदपुर के मानगो गौड़ बस्ती कृष्णानगर निवासी 40 वर्षीय अमरनाथ सिंह की दुमका के बासुकीनाथ में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने जरमुंडी थाना में चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआइआर दायर कर लिया है।इस मामले में पुलिस ने जमशेदपुर के मानगो के रहने वाले गणेश सिंह, राजा शर्मा, दीपक कुमार चौधरी और उत्तम महतो के खिलाफ एफआइआर दायर किया गया है। इसमें कुछ और अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।इस मामले को लेकर दायर एफआइआर से अलग मृतक अमरनाथ सिंह के भाई ने आरोप लगाया है कि गणेश सिंह ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उनके भाई की हत्या करायी है।

इस मामले में कई और नाम भी उन्होंने लिये है।इस बीच दुमका पुलिस ने अमरनाथ सिंह के साथ देवघर के बाबाधाम में यात्रा के लिए गये चार लोगों को पूछताछ के लिए थाना में रोका है। इस मामले में मानगो के न्यू सुभाष कॉलोनी निवासी आशुतोष ओझा ने केस दर्ज कराया है। एफआइआर में उसने बताया है कि आशुतोष सह परिवार अमरनाथ सिंह, अमरनाथ सिंह की पत्नी नेहा सिंह, प्रेमलता देवी, बहन रीना देवी, भतीजा मनीष कुमार, मित्र ब्रजेश कुमार सिंह, किशोर रजक, ललित शर्मा, और चार छोटे बच्चे कुल 13 लोग मानगो से देवघर, बासुकीनाथ और तारापीठ मंदिर में पूजा करने के लिए दो अलग-अलग कार नीले रंग का महिंद्रा एक्सयूवी 500 और इनोवा कार पर सवार होकर 24 जुलाई को सुल्तानगंज पहुँचे। शाम करीब 5 बजे जल उठाये और देवघर के लिए प्रस्थान किये।


रास्ते में जगह जगह रुकते हुए 27 जुलाई को सुबह करीब 11.30 बजे देवघर बाबा मंदिर पहुंचे। बाबा मंदिर देवघर में पूजा करके शाम को करीब 4.30 जे बासुकीनाथ के लिए प्रस्थान किये। बासुकीनाथ मंदिर में करीब रात 9 बजे सभी लोग पूजा किये. पूजा करने के बाद रात 10.30 बजे जरमुंडी ब्लॉक के पास बने टेंट सिटी में सभी कोई विश्राम करने आ गये।टेंट सिटी में रात को खाना खाने के लिए जब साथ में अमरनाथ सिंह, भतीजा मनीष, दोस्त ब्रजेश, किशोर रजक सभी नंदी चौक बासुकीनाथ के पास आये।वह और किशोर रजक अपना दोनों कार लाने के लिए बेलगमा चले गये।

नंदी चौक वाहन स्टैंड के पास स्थित निर्मल चाय दुकान के पास पहुंचे तो देखे कि काफी भीड़ लगी हुई है और अमरनाथ सिंह जमीन पर पड़े हुए है। भतीजा मनीष और दोस्त ब्रजेश सिंह ने बताया कि रात करीब 11.40 मिनट बजे रात में तीन अज्ञात अपराधकर्मी, जो बोल बम के कांवरिया के वेष में थे,नंदी चौक की ओर से आये और अमरनाथ सिंह को पिस्तौल से कई गोली मारकर जरमुंडी की ओर पैदल ही भाग गए। गोली लगते हुए अमरनाथ सिंह खून से लथपथ जमीन पर गिर गये। फायरिंग की आवाज और मनीष का बचाव बचाव का आवाज सुनकर आसपास के पुलिस के जवान आये और अपराधकर्मी का पीछा किये,जो जरमुंडी की ओर भाग गये। गोली मारने वाला अपराधकर्मी में से एक लंबा और गोरा था, दो अन्य अपराधी सामान्य कद काठी के थे, जिनका पेट निकला हुआ था।वहीं शीघ्र ही पुलिस गाड़ी आ गयी और खून से लथपथ अमरनाथ सिंह को उठाकर रेफरल अस्पताल जरमुंडी ले गये।सारे लोग अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया।

एफआइआर में बताया गया है कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से नंदी चौक के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक कर देखा गया तो पाया गया कि एक सफेद रंग का बोलेरो गाड़ी और सफेद रंग का स्विफ्ट डिजायर कार और नीले रंग का अपाचे मोटरसाइकिल की मदद से करीब 8 से 10 अपराधकर्मी द्वारा योजनाबद्ध तरीके से रेकी कर अमरनाथ सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। हत्या करने के बाद अपराधकर्मी उपरोक्त गाड़ियों से जरमुंडी बाजार और जामा की ओर भाग गये।

एफआइआर में बताया गया है कि अमरनाथ सिंह जमीन का कारोबार करते थे और दूसरे जमीन कारोबारी गणेश सिंह से वर्ष 2017 से ही वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी।गणेश सिंह जमशेदपुर के ही अखिलेश सिंह के लिए काम करता है।पिछले वर्ष 2022 में दुर्गा पूजा के दौरान अमरनाथ सिंह के गैंग के रंजीत सरदार को गणेश सिंह के गैंग के द्वारा गोली मारकर हत्या की गयी थी। इसी साल 2023 में अमरनाथ सिंह के मित्र प्रदीप सिंह की हत्या गणेश सिंह के गुर्गों गोली मारकर कर दी थी।

एफआइआर में बताया गया है कि अमरनाथ सिंह के आवास पर भी 2017 में गणेश सिंह के गुर्गों ने गोली चलाया था।पिछले कई दिनों से गणेश सिंह उलीडीह मानगो निरंजन सिंह कांप्लेक्स मेन रोड में अपने गैंग के सदस्य राजा शर्मा, दीपक चौधरी उर्फ टेका चौधरी, उत्तम महतो के साथ मिलकर अमरनाथ सिंह को जान से मारने की धमकी दिये थे और चार दिन पहले भी अमरनाथ सिंह के साथ गणेश सिंह का विवाद हुआ था।

शिकायत में बताया गया है कि जमीन के कारोबार की लड़ाई में वर्चस्व के लिए ही गणेश सिंह, प्रशांत सिंह (गणेश का भाई), राजा शर्मा, दीपक चौधरी उर्फ टेका चौधरी, उत्तम महतो और अन्य सफेद रंग के बोलेरो, स्विप्ट डिजायर कार और मोटरसाइकिल पर सवार 8 से 10 अज्ञात अपराधियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अमरनाथ सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी है।गणेश सिंह के भाई प्रशांत सिंह के ऊपर वर्ष 2016 में अमरनाथ सिंह ने रंजीत सरदार से गोली चलवायी थी, जिसके प्रतिक्रिया में उपरोक्त अपराधकर्मियों द्वारा यह घटना को अंजाम दिया गया है।अमरनाथ सिंह हत्याकांड में कुल पांच गवाह है।पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को भी जब्त कर लिया है, जिसमें यह दिख रहा है कि किस तरह अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है। सभी की पहचान करने की कोशिश हो रही है।