धर्म:झारखण्ड में कंटेनमेंट जोन के बाहर के सभी धर्मस्थल (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च) आज बृहस्पतिवार से खुल गए हैं,धार्मिक स्थल खोलने और पूजा पाठ करने को लेकर सरकार ने दो दर्जन से ज्यादा शर्तें रखी हैं।

राँची।झारखण्ड में कंटेनमेंट जोन के बाहर के सभी धर्मस्थल (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च) आज बृहस्पतिवार से खुल गए हैं।धार्मिक स्थल खोलने और पूजा पाठ करने को लेकर सरकार ने 32 शर्तें रखी हैं।इनमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग प्रमुख है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारी समिति की बैठक के बाद बुधवार रात आपदा प्रबंध विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी ट्वीट पर जारी की। दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सभी संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिया गया है।

कई महीनों बाद माँ छिन्नमस्तिके मंदिर रजरप्पा में पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे है।कोरोना गाइडलाइन के शर्तों के साथ मन्दिर में प्रवेश कराया जा रहा है।

छह फुट दूरी जरूरी:धार्मिक स्थलों पर दो लोगों के बीच छह फुट की दूरी रखते हुए 50 लोग मौजूद रह सकेंगे। जगह कम होने पर संख्या कम होगी। धार्मिक स्थल के आसपास भीड़ नहीं लगानी है। सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए नमाज पढ़ी जाएगा और प्रार्थना होगी। लेकिन परिसर में समूह में कीर्तन-गायन नहीं होगा। परिक्रमा के समय भी सामाजिक दूरी जरूरी होगी।

प्रसाद नहीं बंटेगा:आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने बताया कि धार्मिक स्थलों की देखरेख करने वाले को छह फुट की दूरी सुनिश्चित करने के लिए चिह्न बनाने होंगे। यही व्यवस्था बैठने के लिएहोगी। अधिक भीड़ वाले धर्मस्थलों पर ऑनलाइन इंट्री पास के इंतजाम होंगे। पुजारी, पादरी और भक्तों को मास्क लगाना अनिवार्य है। धर्मग्रंथों, मूर्तियों और घंटियों को छूना मना है। न प्रसाद बंटेगा न पवित्र जल का छिड़काव होगा। प्रार्थना के लिए भक्तों को मैट लाना होगा। प्रवेश द्वार पर हाथों की स्वच्छता सुनिश्चित करनी होगी। थर्मल स्कैनर से जांचे के बाद ही प्रवेश मिलेगा। प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग होंगे।

बाबाधाम में नई व्यवस्था:बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ के लिए अब गुरुवार को जारी दिशा-निर्देश लागू होंगे। अब तक देवघर में हर घंटे सिर्फ 50 श्रद्धालु और बासुकीनाथ में 40 श्रद्धालु ही मंदिर में प्रवेश कर सकते थे।

रोज सेनेटाइजेशन जरूरी:प्रतिदिन परिसर का सेनिटाइजेशन करना होगा। खासकर प्रार्थना स्थल, हाथ और पैर धोने के स्थान का। फर्श को बार-बार साफ करना है। छोड़े गए मास्क, ग्लब्स को निष्पादित करने की व्यवस्था करनी होगी।