Ranch:राजधानी में हुई पोस्टरबाजी मामले में 5 उग्रवादी समर्थक गिरफ्तार,पांचों टीपीसी के एजेंट हैं,बोलेरो,बाइक और पोस्टर बरामद।

राँची।सुखदेव नगर थाना क्षेत्र स्थित रातू रोड स्थित देवकमल अस्पताल की दीवार पर टीपीसी के नाम पर पोस्टरबाजी करने वाले पांच टीपीसी एजेंट गिरफ्तार हुआ है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए सुनील उरांव, काली चरण, देवानंद मुंडा, रोशन मुंडा, राहुल मुंडा शामिल है. पुलिस ने इनके पास से बोलेरो, बाइक और पोस्टर बरामद किया गया है।इसमें सुनील उरांव और काली चरण का टीपीसी से सीधे संपर्क में था।गौरतलब है कि बीते 13 दिसंबर को पोस्टर चिपका कर सरकार, पुलिस और NIA के खिलाफ बयानबाजी की गई थी। इतना ही नहीं कोयला कंपनियों से 16 दिसंबर तक कोयले की कटाई और ढुलाई को बंद करने के लिए कहा गया था. नहीं करने पर उनके खिलाफ फौजी कार्रवाई करने की बात कही गई थी

पोस्टरबाजी की सूचना मिलते ही सुखदेव नगर, कोतवाली और गोंदा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टर को जब्‍त कर लिया था।इसके बाद मामले की छानबीन में जुटी थी पुलिस।एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुट गई थी. टेक्निकल सेल और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने कारवाई करते हुए पोस्टरबाजी की घटना में शामिल उग्रवादी को गिरफ्तार कर लिया।

पोस्टर में लिखा था:
टीपीसी के द्वारा किए गए पोस्टरबाजी में लिखा है कि सामंतवाद, सामान्यवाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद मार्क्सवाद, लेनिनवाद, माओ विचार धारा जिंदाबाद’, दमन, बलात्कारी हत्या के खिलाफ में व्यापक जनता गरज उठे, नक्सली जांच के नाम पर एनआईए के ओर से विस्थापित प्रभावित निर्दोष आम जनता को मारपीट फर्जी मुकदमा करना बंद करें. एनआईए और पुलिस प्रशासन के दलाल दलाली करना बंद करें. सीसीएल एनटीपीसी के अधिकारी विस्थापित प्रभावित आम जनता को धौंस, धमकी, मारपीट, गाली- गलौज करना बंद करें. आम जनता की अपनी हक अधिकार जल, जंगल, जमीन से बेदखल करने वाली शिखंडी सरकार के खिलाफ मजदूर किसान एकजुट हो. भारत श्रेष्ठ भारत कहने वाले देखो भारतीय विस्थापन नीति से जनता है बेहाल. भारत सरकार विकास विकास चिलाता है, झारखंड में खदान चलता है और पूंजीवादियों माफियाओं का पेट भरता है. झारखंड राज्य अंतर्गत सीसीएल बीसीसीएल एनटीपीसी के ओर से अतिक्रमण और उत्खनन कर खेती योग्य जमीन को पहाड़ और बंजर बनाना बंद करें, जात न पात पर बात मानो बंद का अपने हक का।