Jharkhand:उत्तराखंड के चमोली में हादसे के वक्त वहां फंसे जामताड़ा के 11पर्यटक सुरक्षित..

राँची।उत्तराखंड के चमोली में जिस वक्त आपदा आयी,उस समय झारखण्ड जामताड़ा के 11 पर्यटक वहीं पर मौजूद थे।ऊंचाई पर होने के कारण सभी सुरक्षित बच गये।उन्होंने अपनी आंखों से मौत का भयानक मंजर देखा है। इन पर्यटकों में राहुल कुमार, डिंपी कुमारी, रौशन कुमार, अंशु कुमारी, आदित्य कुमार सहित 11 युवा शामिल हैं, जो घूमने के लिए गये उत्तराखंड गये थे।राहुल के पिता सामू दास ने बताया कि आपदा की खबर से वे काफी विचलित हो गये थे।बार-बार फोन करने पर भी राहुल या उसके साथियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था. घबरा कर उन्होंने झारखण्ड सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया।मंगलवार को शाम चार बजे उनके अपने पुत्र से बात हुई।तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली।

राहतकर्मी सभी को पहाड़ से नीचे ला रहे

मीडिया से बातचीत में सामू दास ने बताया कि उनका बेटा और उसके सभी साथी सुरक्षित हैं।सभी पहाड़ से नीचे उतर रहे हैं. मोबाइल फोन चार्ज नहीं होने के कारण बात नहीं हो पा रही है।मगर उन सभी के सुरक्षित होने की जानकारी मिल गयी है. दास ने बताया कि उन्हें नीचे आने में एक से दो दिन का समय लगेगा, क्योंकि रास्ता बह गया है।जगह-जगह पर भू-स्खलन के कारण मलबा जमा हो गया है।इसलिए वापसी में काफी कठिनाई हो रही है।

आंखों के सामने तेज बहाव में सबकुछ बह रहा था

सामू दास के अनुसार उनके बेटे ने बताया कि वहां भयानक दश्य था. पानी के तेज बहाव के साथ सबकुछ बह रहा था. जोरों की आवाज आ रही थी. वहां खड़ा रहना भी मुश्किल था. लग रहा था जैसे कुछ नहीं बचेगा. पैरों तले जमीन खिसक जायेगी. हमलोग भी बह जायेंगे।सभी भगवान का नाम ले रहे थे।जब पानी का बहाव कुछ कम हुआ तो राहत कर्मी पहुंचे. इसके बाद जान में जान आयी. बचाव दल उन्हें सुरक्षित स्थान पर लेकर गया. अब सभी को सुरक्षित नीचे लाया जा रहा है।

लातेहार के 10 मजदूर सुरक्षित, लौटने की लगायी गुहार

चमोली हादसे में लातेहार जिले के बारीयातू थाना क्षेत्र के जागीर गांव के 10 मजदूर भी फंसे हुए हैं. हालांकि सभी सुरक्षित हैं. मजदूरों के परिजनों ने उन्हें वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगायी है. झारखण्ड सरकार कंट्रोल रूम उनकी वापसी के लिए उत्तराखंड सरकार से संपर्क में है. ये सभी मजदूर हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते हैं. कंपनी चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में हाइडल पावर का काम कर रही है. इन मजदूरों में रूपलाल सिंह, योगेश्वर सिंह, संतोष सिंह, छतन सिंह, आनंद सिंह, अंकित सिंह, चंदन सिंह, देवनाथ सिंह, सतेंद्र सिंह और अमलेश उरांव शामिल हैं. सभी की उम्र 18 से 37 वर्ष के बीच है।

झारखण्ड के जो लापता मजदूरों की संख्या इस प्रकार है-

लोहरदगा – 9
रामगढ़ – 4
बोकारो -1
इस प्रकार झारखण्ड के 14 मजदूरों का हादसे के बाद कुछ पता नहीं चल रहा है।झारखण्ड सरकार के कॉल सेंटर में बिहार के 2 और यूपी के 1 व्यक्ति के लापता होने की सूचना दर्ज करायी गयी है।