Ranchi:लालू यादव का सेवादार बनने के लिए 4 वर्ष पहले फर्जी केस में गया था जेल,रिम्स प्रबंधन ने फिर सेवादार के लिए उसी के नाम का किया अनुसंशा

राँची। चर्चित चारा घौटाला मामले में 4 वर्ष पहले लालू का सेवादार बनने के लिए खूद से फर्जी केस में जेल जाने वाले सेवादार लक्ष्मण यादव के नाम की अनुसंशा फिर से रिम्स प्रबंधन ने जेल प्रशासन से किया है। रिम्स प्रबंधन की ओर से जेल प्रशासन काे सेवादार के रूप में अनुमति देने के लिए जिन 2 लाेगाें का अनुसंशा किया गया है उसमें लक्ष्मण यादव और असगर अली का नाम शामिल है। लक्ष्मण यादव खूद काे दक्षिण पश्चिमि दिल्ली का जबकि असगर अली बिहार के गाेपालगंज का रहने वाला बताया है। मालूम हाे कि वर्ष 2018 में लालू काे मिलने वाली सजा से कुछ घंटे पहले ही उनके 2 सेवक 23 दिसंबर काे लाेअर बाजार थाना में आईपीसी की धारा 341, 323, 504, 379, 34 के तहत फर्जी केस दर्ज कराकर जेल चला गया था। इनमें लक्ष्मण यादव का नाम भी शामिल था। लक्ष्मण के अलावा मदन यादव भी फर्जी केस में जेल गया था। ये दाेनाें लालू के सेवादार बने हुए थे। फर्जी केस में जेल जाने वाले दाेनाें सेवादार की जानकारी मिलने के बाद 11 जनवरी काे जमानत पर रिहा किया गया था।

लक्ष्मण है लालू का खास सेवादार, पटना आवास पर रसाेईया का करता था काम

लालू यादव के इशारे पर रिम्स प्रबंधन ने जिस लक्ष्मण महताे का सेवादार के रूप में रहने के लिए जेल प्रशासन से अनुमति मांगी है, वह राजद सुप्रीमाें का खास रहा है। लालू की सेवा में वर्षाें पहले से लक्ष्मण काम करता रहा है और पूर्व में वह पटना स्थित आवास पर रसाेईया के रूप में काम करता था। जेल जाने के बाद भी लक्ष्मण लगातार राजद सुप्रीमाें का सेवा देने का प्रयास करता है। लालू काे भी लक्ष्मण पर काफी विश्वास है। यही वजह है कि वे लक्ष्मण काे अपने सेवादार के रूप में रखना चाहते हैं।

खूद काे दिल्ली साउथ का निवासी बताया है लक्ष्मण, दिल्ली पुलिस ने दिया है कैरेक्टर सर्टीफिकेट

सेवादार के रूप में अनुमति देने से पहले जेल प्रशासन ने लक्ष्मण के दिए गए पते पर पत्राचार कर उसका कैरेक्टर सर्टीफिकेट की मांग की थी। जेल प्रशासन द्वारा पत्राचार किए जाने के बाद दिल्ली साउथ की पुलिस ने उसका कैरेक्टर सर्टीफिकेट पर जेल प्रबंधन दे दिया है जिसमें बताया गया है कि उसके खिलाफ किसी थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं है। हालांकि लक्ष्मण के खिलाफ लाेअर बाजार थाने में 23 दिसंबर 2017 काे ही मारपीट और छिनतई के आराेप में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। फिलहाल दूसरे सेवादार असगर का कैरेक्टर सर्टीफिकेट जेल प्रशासन काे नहीं मिल पाया है।