#JHARKHAND:जमशेदपुर में रेलवे ट्रैक पर देवघर जिले के पालाजोरी प्रखंड के बीडीओ नागेंद्र तिवारी का शव बरामद किया गया,पुलिस मामले की जांच कर रही है..

जमशेदपुर।जमशेदपुर शहर के जुगसलाई थाना क्षेत्र स्थित रेलवे ट्रैक पर देवघर जिले के पालाजोरी प्रखंड बीडीओ शव का मिला है।बीडीओ नागेंद्र तिवारी की संदिग्ध हालत में शव बरामद किया गया।बताया जा रहा है कि वो एक महीने से छुट्टी पर थे। परिजनों के मुताबिक वो डिप्रेशन में थे।परिजनों ने इसे हत्या करार दिया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की छानबीन में जुटी हुई है।

पालोजोरी के मुखिया दाऊद पर धमकी देने का आरोप लगाते थे

बताया जा रहा है कि बीडीओ नागेंद्र तिवारी बातचीत के क्रम में हमेशा पालोजोरी के मुखिया दाऊद पर धमकी देने का आरोप लगाते थे। रविवार सुबह नाश्ता करके घर से बाहर निकले और रात तक वापस नहीं लौटे, काफी देर होने के बाद जब वे नहीं लौटे तो उनलोगों ने साकची थाना में उनकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. रविवार की रात को जुगसलाई फाटक के करीब क्षत-विक्षत शव देखे जाने के बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस आई।वहां से परिजनों को फोटो भेजा गया।तब जाकर शव की पहचान हो पाई।

बालू माफियाओं के खिलाफ लड़ रहे थे जंग

मिली जानकारी के अनुसार, बीडीओ नागेंद्र तिवारी देवघर दुमका समेत कई जिलों में पोस्टेड रहे थे। वे बालू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे थे. इसको लेकर वो निशाने पर थे. परिवार के लोगों ने बताया कि कई बार सरकार को जानकारी दी गयी, लेकिन उनको कोई सुरक्षा नहीं दी गयी. इसके बाद वे एक माह की छुट्टी पर चले गये. अब उनका शव रेलवे ट्रैक पर पाया गया। वहीं पूरे मामले को लेकर पुलिस का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
बताया जा रहा है कि बीडीओ नागेंद्र तिवारी पिछले एक महीने से छुट्टी परजमशेदपुर आए थे।वहीं घटना के पीछे परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी है।बताया जा रहा है कि बीडीओ अधिकारी और स्थानीय मुखिया दाऊद आलम की प्रताड़ना से भयभीत थे।

मृतक बीडीओ का भाई

साकची जेल चौक के आसपास गरीब बच्चों को अपने खर्च पर कराते थे पढ़ाई। बीडीओ बनने के पहले से नागेंद्र तिवारी शिक्षक के तौर पर काम करते थे।वे जब बीडीओ बन गये तब श्री तिवारी ने साकची जेल चौक के पास रहकर ही गरीब बच्चों को पढ़ाई कराते थे। अपने खर्च से ही वे पढ़ाई कराते थे। इसको लेकर कई बच्चे अब यतीम हो चुके है और अब वे लोग खुद से परेशान हो गये है कि आखिर अब उनको कौन पढ़ाई करेगा।