Jharkhand:दलबदल मामलें में बाबुलाल मरांडी को हाइकोर्ट से राहत,हाइकोर्ट ने स्पीकर के कारवाई पर रोक लगा दी,अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी..

राँची।झारखण्ड हाईकोर्ट ने बाबूलाल मरांडी से जुड़े दलबदल मामले में विधानसभा अध्‍यक्ष की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पीकर और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 13 जनवरी को निर्धारित की गई है। यह मामला चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। बुधवार को करीब 3 घंटे चली सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश देने के लिए गुरुवार की तिथि निर्धारित की थी।
दरअसल बाबूलाल की ओर से दल बदल मामले में स्पीकर द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी करने की वैधता पर सवाल उठाया गया है। उनका कहना है कि स्पीकर इस तरह के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं जब तक कि उन्हें इसके लिए कोई आवेदन न दें। लेकिन सरकार का कहना है कि विधानसभा रूल्स में स्पीकर को इस तरह करने का अधिकार मिला हुआ।

यहां बता दें कि इससे पहले बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और बिरंची नारायण द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में लंबी सुनवाई हुई. हालांकि बुधवार को सुनवाई पूरी कर ली गयी थी।राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक अब इस मामले में हाईकोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनायेगा. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन और विधानसभा की ओर से भी हाइकोर्ट में पक्ष रखते हुए दल-बदल कानून पर दलीलें पेश की गयीं।साथ ही बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान विधानसभा की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन इलेक्शन कमीशन की ओर से आकाशदीप कुमार,बीजेपी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकट रमन और बाबूलाल मरांडी की तरफ से अधिवक्ता आरएन सहाय ने अपना-अपना पक्ष रखा. बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दल बदल पर लिये गये संज्ञान को गलत बताते हुए संज्ञान निरस्त करने के पक्ष में दलीलें दी गयी।

जिस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया की दल बदल के इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लिया गया संज्ञान संवैधानिक है और आर्टिकल 226 के तहत जब तक विधानसभा के न्यायाधिकरण में यह मामला लंबित है अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

इस महत्वपूर्ण याचिका पर झारखण्ड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ में लगभग 3 घंटे से ज्यादा देर तक सुनवाई चली थी. इस दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाने के लिए तारीख तय की थी।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर मूल याचिका में झारखंड विधानसभा के स्पीकर द्वारा उनके दल-बदल के मामले में लिये गये संज्ञान के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।