पलामू: केएन त्रिपाठी-आलोक चौरसिया प्रकरण की जांच तेज, हिंसक झड़प और हथियार लहराने के कारण का पता लगाने में जुटी पुलिस-

पलामू:  प्रथम चरण के मतदान के दिन यानी 30 नवंबर को डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर इलाके में भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
यह मामला पलामू के साथ-साथ राज्य एवं देश स्तर पर काफी चर्चित रहा. घटना के बाद चैनपुर के आधा दर्जन गांवों में तनावपूर्ण स्थिति थी. ग्रामीणों में मेल मिलाप करने के बाद पुलिस की ओर से मामले की जांच तेज कर दी है।

डीएसपी के नेतृत्व में एक-एक पहलू को खंगालने की कोशिश

मेदिनीनगरर शहर डीएसपी संदीप गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बुधवार को घटनास्थल कोशियारा, अयोध्या कोल्हुआ और पूर्वडीहा का जायजा लिया.
इस दौरान पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों का बयान कलमबद्ध किया. पुलिस टीम एक-एक पहलू को खंगालने में जुटी है.
पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर मतदान के दिन विवाद की शुरुआत कैसे हुई? इसके लिए जिम्मेवार कौन है? आखिर ऐसी कौन सी परिस्थति उत्पन्न हुई कि श्री त्रिपाठी को हथियार निकालना पड़ गया?
चैनपुर थाना प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि सभी बिन्दुओं की बारीकी से जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी।

केएन त्रिपाठी और भाजपा समर्थकों ने दर्ज कराया है मामला

गौरतलब है कि श्री त्रिपाठी ने भाजपा प्रत्याशी और उनके कई समर्थकों पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया है, जबकि चौरसिया समर्थकों ने भी श्री त्रिपाठी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
इधर, कोशियारा के बूथ संख्या 73 के पीठासीन पदाधिकारी ने भी चैनपुर थाने में एक मामला दर्ज कराया है, जिसमें श्री त्रिपाठी पर चुनाव में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है.

पुनर्मतदान की मांग को लेकर केएन त्रिपाठी दिल्ली में

इस बीच श्री त्रिपाठी अपनी शिकायत के साथ दिल्ली पहुंच गये और चुनाव आयोग से पांच बूथों पर पुनर्मतदान कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की मिलीभगत से भाजपा प्रत्याशी ने इन बूथों को अपने कब्जे में ले लिया था।