लोहरदगा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, भाकपा माओवादी कमांडर रामजीत नगेशिया ने किया सरेंडर

लोहरदगा। झारखण्ड के उग्रवाद प्रभावित जिला लोहरदगा मेंगुरुवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर रामजीत नगेशिया उर्फ रामू ने लोहरदगा पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है। रामजीत नगेशिया ने गुरुवार को लोहरदगा एसपी प्रियदर्शी आलोक और सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। रामजीत नगेशिया मूल रूप से लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के गोमियाटोली रोरद का रहने वाला है। उसके खिलाफ लोहरदगा के पेशरार, सेरेंगदाग, किस्को और लातेहार जिला के बारेसांड थाना में मामला दर्ज है। रामजीत नगेशिया द्वारा पुलिस को बताया गया कि वर्ष 2013 में जबरन रविंद्र गंझू के दस्ते में शामिल कर लिया गया था। उस समय उसकी उम्र 17 वर्ष थी। इस वर्ष अब तक 6 भाकपा माओवादी और एक टीपीसी नक्सलियों ने झारखण्ड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

रविंद्र गंझू ने गांव से एक लड़के की मांग की थी:-

रामजीत नगेशिया के द्वारा पुलिस को बताया गया कि वर्ष 2013 में वह नौवीं कक्षा में चुन्नीलाल हाई स्कूल लोहरदगा में पढ़ाई करता था। साथ ही कभी-कभी घर में खेती बारी में परिवार वालों की मदद किया करता था। 9 वीं पास करने के बाद जब वह अपने घर आया हुआ था तभी भाकपा माओवादी के रविंद्र गंझू एवं उसके दस्ता द्वारा गांव में मीटिंग किया गया और प्रत्येक गांव से एक एक लड़का का मांग किया गया एवं गांव वालों पर दबाव डालने लगा तब गांव वालों ने आपस में मिल बैठकर फैसला किया कि इनके गांव से रामजीत नागेशिया को माओवादियों को सौंप दिया जाए। घर वालों ने इसका विरोध किया पर नहीं माने वर्ष 2013 में 17 वर्ष की उम्र में भाकपा माओवादी रविंद्र गंझू के दस्ता में रामजीत नागेशिया को शामिल कर लिया गया।

पार्टी की विचारधारा सही नहीं

रामजीत नागेशिया ने कहा की संगठन के अपने सिद्धांत एवं विचारधारा से भटक जाने के कारण पार्टी का जनाधार धीरे-धीरे कम हो गया एवं पार्टी से जुड़े कई जुझारू सीनियर कैडर ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जिससे मेरा भी मन विचलित था। नक्सली दस्ता में रहते रहते मन ऊब गया था और मुख्यधारा से जुड़ कर परिवार वालों के साथ घर में रहना चाहता था। जिसके कारण अगस्त 2019 में दस्ता छोड़कर बिना हथियार के घर भाग गया। घर आने के बाद झारखण्ड सरकार आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष बिना किसी दबाव का आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया और आत्मसमर्पण कर लिया।