कोडरमा:रेलवे पुलिस ने ट्रेन से नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया,दलाल गिरफ्तार,लड़कियों को दिल्ली ले जा रहा था…..

कोडरमा।झारखण्ड के कोडरमा रेल पुलिस ने तस्करों के चुंगल से 3 नाबालिग लड़कियों को रेस्कयू किया है। तीनों को दिल्ली ले जाया जा रहा था।जैसे ही इसकी सूचना कोडरमा आरपीएफ को मिली और उन्होंने लड़कियों को सुरक्षित बरामद कर लिया। उन्होंने एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया है।जानकारी के मुताबिक, चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन राँची के सचिव बैद्यनाथ कुमार को सूचना मिली थी कि कुछ लड़कियों के मानव तस्कर दिल्ली लेकर जा रहे हैं।उसके बाद उन्होंने कोडरमा में एक सामाजिक कार्यकर्ता से सम्पर्क किया उसके बाद उन्होंने रेलवे पुलिस को कोडरमा को जानकारी दी।

कोडरमा रेलवे पुलिस के अनुसार, आरपीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ नाबालिग लड़कियों को राँची से स्वर्ण जयंती ट्रेन से तस्करी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था।इसके बाद कोडरमा आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर तीनों नाबालिग लड़कियों को बचा लिया। झारखण्ड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस जैसे ही कोडरमा स्टेशन पर रुकी टीम ने उन्हें तस्करों से छुड़ा लिया।

वहीं गिरफ्तार तस्कर से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल कोडरमा रेल पुलिस ने रेस्कयू तीनों नाबालिग लड़कियों को कोडरमा चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया हैं। इसकी जानकारी उनके परिजनों को भी दे दी गई है।पकड़े गए बाल तस्कर कि पहचान आनंद मशी नाग के रूप में हुई है, जो खूंटी के साई थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पूछताछ में तस्कर ने बताया कि सभी लड़कियां खूंटी की ही रहने वाली हैं।उसने कहा।कि वो इन्हें अपनी बहन के यहां दिल्ली घूमाने ले जा रहा था। फिलहाल, कोडरमा रेल पुलिस मामले की जांच कर हक्कीत का पता लगाने में जुटी हुई है।

कोडरमा आरपीएफ निरीक्षक जवाहर लाल ने बताया कि इन नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसला कर दिल्ली काम कराने ले जाया जा रहा था।पकड़े गए बाल तस्कर के मोबाइल पर पैसे के ट्रांजेक्शन के भी सुबूत पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामला बाल तस्करी का है। इधर चाइल्ड लाइन कोडरमा में बच्चियों का काउंसिलिंग की जा रही है।

गौरतलब है कि बड़ी संख्या में बिहार-झारखण्ड से बाल मजदूरों को तस्करी कर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में ले जाया जाता है। वहां इन्हें बाल मजदूरी के दलदल में धकेल दिया जाता हैं।वहीं, इसके एवज में तस्करी करने वाले तस्करों को मोटी रकम दी जाती हैं। कई बार तो इनके माता-पिता की भी इसमें सहमति होती है।

“झारखण्ड से सैकड़ों नाबालिग को बहला फुसलाकर और नाबालिग के परिजनों को प्रलोभन देकर मानव तस्कर बाहर ले जा रहे हैं।सक्रिय मानव तस्कर बड़े बड़े शहरों में नाबालिग बच्चियों को काम के बहाने ले जाते हैं और मानव तस्कर मोटी रकम वसूली कर घरेलू काम करने के लिए छोड़ देते हैं।लगातार नाबालिग बच्चियों को बरामद कर राज्य में लाया जाता है लेकिन उसके लिए कोई सही कदम सरकार की ओर से नहीं उठाया जाता है।”-बैद्यनाथ कुमार,सामाजिक कार्यकर्ता

“मामला पूरी तरह से मानव तस्करी का है। बच्चों की काउंसिलिंग में इस तरह की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि बच्चियों को तस्करों के द्वारा अच्छे से ब्रेन वॉश किया जाता है, ताकि वे मामले की सच्चाई कहीं नहीं बताए।” – शैलेश कुमार, सीडब्ल्यूसी सदस्य