#Jharkhand:झारखण्ड सरकार के नए प्रतीक चिन्ह(लोगो)जारी,आयोजित समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने लोकार्पण किया।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया राज्य सरकार के नए प्रतीक चिन्ह का अनावरण,15 अगस्त से हो जाएगा लागू

प्रतीक चिन्ह की वृताकार परिधि में हाथी, स्थानीय उत्सव, पलाश के फूलों और केंद्र में अशोक स्तंभ को स्थान

राँची।राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को झारखण्ड सरकार के नए प्रतीक चिन्ह (लोगो) को जारी किया। नया लोगो 15 अगस्त से लागू होगा। प्रतीक चिन्ह की वृताकार परिधि में हाथी, स्थानीय उत्सव, पलाश के फूलों और केंद्र में अशोक स्तंभ को स्थान दिया गया है। प्रतीक चिन्ह के ऊपरी भाग में झारखण्ड सरकार और नीचे गवर्मेंट ऑफ झारखण्ड लिखा गया है।अनावरण के लिए मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के प्रतीक चिन्ह का लोकार्पण किया इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, दिशोम गुरू शिबू सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, हेमंत कैबिनेट के सहयोगी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

आर्यभट्ट हॉल
झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह् के लोकार्पण के अवसर पर राज्य के महान वीर सपूतों को नमन। राज्यवासियों को झारखण्ड के नए प्रतीक चिन्ह की बधाई। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है। उपरोक्त बातें राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह् के लोकार्पण के अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में कही।
श्रीमती मुर्मू ने कहा पूरा विश्व आज कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा, जिससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके। मैं कोरोना योद्धाओं को नमन करती हूं, सम्मान करती हूं। जिनके सार्थक प्रयास से हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहें हैं।

झारखण्ड सामूहिकता में विश्वास रखता है

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखण्ड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया। हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी। आजादी के बाद से नए भारत के नवनिर्माण में झारखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहें हैं। आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है। राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है। प्रतीक चिन्ह झारखण्ड की भावना को प्रतिविम्बित करता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, विधानसभा अध्यक्ष श्री रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन को राज्य का प्रतीक चिन्ह की तस्वीर भेंट स्वरूप दी।


इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन, मंत्री श्री चम्पई सोरेन, मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव, प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव श्री सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।

बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट से स्वीकृत नए लोगो में आंशिक बदलाव किया है। प्रतीक चिह्न में अंकित किए गए हाथी, नर्तकी, पलाश के फूलों की संख्या को नए सिरे से निर्धारित की गई है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह प्रतीक चिन्ह हमारी संस्कृति को रेखांकित करता है। यह हमारी अस्मिता का घोतक और हमारी चेतना का प्रतीक है। राज्य के प्राकृतिक परिवेश एवं यहां के लोगों के जीवन दर्शनकों अपने में समेटे हुए हमारी पहचान को समग्रता से प्रकट करता है।

हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी कैबिनेट में राज्य चिह्न बदलने का निर्णय लिया था। 205 दिनों के बाद कैबिनेट ने नए राज्य चिह्न बदलने पर मुहर लगाई। लगभग 200 दिनों की मेहनत के बाद इसे तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने मार्गदर्शन में अपनी टीम से इसे तैयार कराया है।

जानिए, नए लोगों के बारे में

हरा रंग:- नए राज्य चिन्ह का हरा रंग संपूर्ण राज्य में फैली हरियाली और वन संपदा का परिचायक है।

हाथी:- हाथी झारखण्ड के महान इतिहास, शक्ति और सामूहिक बुद्धिमता का प्रतीक है।

पलाश का फूल:- फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट के नाम से प्रसिद्ध पलाश या टेसू का फूल झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है।

स्थानीय उत्सव:- स्थानीय त्यौहारों को दर्शाने वाले जनजातीय कला को नए राज्य चिन्ह में जगह दी गई है जो राज्य की समृद्ध और विविधतापूर्ण परंपराओं के साथ उसकी संस्कृति और धरोहर का बोध कराता है।

अशोक स्तंभ:- नए राज्य चिन्ह के केंद्र में अशोक स्तंभ भारत के उत्तम सहकारी संघवाद, इसमें झारखण्ड की सहभागिता एवं अद्वितीय भूमिका को दर्शाता है।

क्या था पुराना प्रतीक चिन्ह
यह वर्गाकार था। बीच में अशोक चक्र अंकित था। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से नीले रंग का अशोक चक्र लिया गया था। अशोक चक्र चार जे अक्षर से घिरा था। ये चार जे क्लॉकवाइज अंकित था। पहला जे अक्षर झारखंड को प्रतिबिंबित करता है। वहीं तीन जे अक्षर जल, जंगल और जमीन के प्रतीक के रूप में था। हरा रंग राज्य की हरियाली को दर्शाता था।