Jharkhand:सरकारी कर्मियों के प्रमोशन में लगी रोक हटायी गई

राँची।झारखण्ड में सरकारी कर्मियों पर प्रमोशन में लगी रोक हटा ली गई है।अब राज्य में 57 हजार से अधिक पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया।राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने कुछ शर्तो के साथ प्रमोशन पर लगी रोक को हटा दिया है।बता दें कि,झारखण्ड विधानसभा में उठाये गये प्रश्न के आलोक में विधानसभा द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया था एवं आलोच्चय मामले की जांच की गयी थी,जिस क्रम में राज्य सरकार द्वारा विभागीय पत्र 24.12.2021 के माध्यम से तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति की प्रक्रिया स्थगित की गयी।उस वक्त यह बात सामने आयी थी कि राज्य कर्मियों की प्रोन्नति में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के वरीय सरकारी सेवकों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कनीय कर्मियों को भी प्रोन्नति दी गयी।इसी के बाद विभाग ने जांच करायी थी,जिसके बाद करीब डेढ़ साल से राज्य में प्रोन्नति बाधित थी।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के सरकारी कार्यालयों में एससी,एसटी अधिकारियों व कर्मियों प्रतिनिधित्व का आंकड़ा जुटाने के लिए प्रमोशन पर रोक विगत डेढ़ साल पहले लगायी गयी। इस रोक की वजह से विभिन्न विभागों के विभिन्न पदों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों का प्रोन्नति रूक गयी।कई अधिकारी व कर्मचारी उच्च पदों पर प्रोन्नति पाये बगैर रिटायर हो गये।राज्य सरकार ने इस बीच अपर मुख्य सचिव एटीआई एल खियांगते की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की।इस कमेटी को सरकारी कार्यालयों में एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व का आंकड़ा जुटाने को कहा गया। विगत आठ अक्टूबर को ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है।इसके बाद विभाग ने रिपोर्ट के आधार पर एक विधेयक लाया और इसमें परीणामी वरीयता के आधार पर एससी-एसटी को प्रोन्नति देने की बात कही।वरीयता सह प्रात्रता के प्रावधान के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान करने अथ्वा विचार करते समय,मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से उपर रहने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिंदु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी। इस क्रम में एससी,एसटी के वरीय सरकारी सेवक को अनारक्षित बिंदु पर पदोन्नत करते समय यह देखा जाना आवश्यक नहीं है कि उसकी नियुक्ति मेधा के आधार पर हुई अथवा आरक्षण के आधार पर वरीयता सह पात्रता के प्रावधान अंतर्गत दी जाने वाली प्रमोशन का उदाहरण भी दिया गया है।कार्मिक अपने आदेश में इसी के तहत भविष्य में प्रमोशन देने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।

जानें,कैसे मिलेगा कर्मियों को प्रमोशन

मान लिया जाए कि झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के मूल कोटि से अनमुंडल पदाधिकारी एवं समकक्ष कोटि में यदि प्रोन्नति के विचारण सूची में 50 पदों पर प्रोन्नति दी जाती है तो क्रमांक 1 से 50 तक के पदाधिकारियों को कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के 17 फरवरी 2000 के द्वारा निर्धारित रोस्टर बिंदु के अनुसार निम्नवत रूप से प्रमोशन अनुमान्य होगा।

अनारक्षित-1,3,4,5,6,7,9,11,12,13,15,17,19,20,21,23,25,27,29,31,32,33,35,37,39,40,41,43,45,47,49

अ.जाति- 6,16,24,36,46

अनुसूचित जनजाति- 2,8,10,14,18,22,26,30,34,34,38,42,44,50

उपरोक्त अनुमान्यता के अनुसार कुल 32 सामान्य श्रेणी के पदधारकों को प्रोन्नति प्रदान की जानी है। इस क्रम में यह प्रावधान है कि वरीयता सूची में 1 से 32 कोटि क्रमांक तक के सभी पदधारकों को अनारक्षित बिंदुओं के रिक्ति के अनुसार संभाजित किया जाएगा। कोटि बिंदु के विरूद्ध ही प्रोन्नति प्रदान की जाएगी। इस क्रम में यह देखने की आवश्यकता नहीं होगा कि संबंधित कर्मी मेघा पर चयनित है अथवा आरक्षण के आधार पर।

इसके बाद कोटि क्रमांक 32 से नीचे के अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति के सरकारी सेवकों को उनके लिए निर्धारित आरक्षित कोटा के विरूद्ध प्रमोशन दिया जायेगा. अर्थात कोटि क्रमांक 32 से नीचे प्रथम पांच अनुसूचित जाति के पदधारकों को अनुसूचित जाति के लिए चिंहित रोस्टर बिंदु के विरूद्ध तथा कोटि क्रमांक 32 से नीचे प्रथम 13 अनुसूचित जनजाति के पदधारकों को अनुसूचित जनजाति के लिए चिंहित्त रोस्टर बिंदुओं के विरूद्ध पदोन्नति दी जायेगी।