क्या सोरेन परिवार ने झारखण्ड को दिया था आर्थिक चोट? जानने के लिए पढ़ें झारखण्ड बालू घाट घोटाले की रिपोर्ट। भाग 3
भाग 3.
मित्रों आपने भाग 1 में पढ़ा कि किस प्रकार एक मुंबई की कंपनी ने एक शैल कंपनी बनाकर एक ही दिन में लगभग 90 एकड़ का पत्थर की खदान का लीज प्राप्त कर लिया आपने यह भी पड़ा की मात्र एक लाख की कंपनी ने करोड़ों करोड़ रुपए के खदान की लीज प्राप्त कर ली|
भाग 2 में आपने पढ़ा कि किस प्रकार सोरेन परिवार ने back door से company मैं प्रवेश किया और और करोड़ों रुपए का पत्थर बिहार बांग्लादेश और अन्य राज्यों में भेजा|
भाग-3 में पढ़िए कि कैसे इतना बड़ा भूखंड प्राप्त करने के बाद भी सोरेन परिवार का लालच नहीं मिटा और उन्होंने अपनी लीज की जमीन के अतिरिक्त अगल-बगल के प्लॉट से अवैध रूप से उत्खनन किया और सरकार को राजस्व का चुना लगाया|
इस पूरे अवैध उत्खनन और गोरखधंधे का खुलासा उपायुक्त पाकुड़ के द्वारा समर्पित 3 रिपोर्ट से होता है|
यह तीनों रिपोर्ट दिनांक 16-9-2019 को निर्गत की गई थी| पहली रिपोर्ट का क्रम संख्या 1561 एम है और यह रिपोर्ट मौजा गोलपुर के प्लॉट संख्या 298 रकबा 3133 एकड़ से संबंधित है| उपायुक्त ने अपनी जांच में पाया कि इस खनन पट्टे पर 31 लाख पचहत्तर हजार आठ सौ रुपए का अर्थात Rs 31,75,800/- का अवैध उत्खनन किया गया था| इस रिपोर्ट में खनन पट्टे का नक्शा भी दिया गया है जिस पर स्पष्ट रूप से दर्शाया हुआ है कि किस प्रकार अवैध उत्खनन हुआ|
दूसरी रिपोर्ट:- यह रिपोर्ट उपायुक्त के कार्यालय के पत्रांक 1563/ एम के द्वारा निर्गत की गई| यह रिपोर्ट मौजा गोलपुर के प्लॉट नंबर 693 रकबा 23 एकड़ से संबंधित है| इस रिपोर्ट से पता चलता है कि इस पट्टे पर Rs 6,83,80,798 (Six Crores, eighty three lakh, eighty thousand seven hundred and ninty eight) का अवैध उत्खनन एमएस ग्रैंड माइनिंग (MS Grand Mining) कंपनी के द्वारा किया गया| इस रिपोर्ट में भी खनन पट्टे का चित्र उपलब्ध है जिससे स्पष्ट पता चलता है कि किस प्रकार बड़े पैमाने पर पत्थर की चोरी अवैध उत्खनन के माध्यम से की गई|
तीसरी रिपोर्ट:- यह रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय के पत्रांक 1564/ एम दिनांक 16-09 -2019 के द्वारा निर्गत की गई और यह रिपोर्ट मौजा गोलपुर के प्लॉट संख्या 637 रकबा 6.20 एकड़ एवं 833 एकड़ से संबंधित है इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्रैंड माइनिंग कंपनी के द्वारा Rs 1,46,87,079 रुपए (One Crore Forty six Lakh Eighty seven thousand and seventy nine Only) का अवैध उत्खनन किया गया|
यदि इन तीनों खनन पट्टों पर की गई अवैध पत्थर की चोरी का कुल मूल्य का आंकलन किया जाए तो इसकी कीमत लगभग 9 करोड़ रुपए बनती है सोरेन परिवार झारखंड की जनता को जवाब देना चाहेगा की जो परिवार खुद पत्थर चोरी में लिप्त है वह झारखंड की प्राकृतिक संपदा को कैसे बचाएगा।