Jharkhand,विधानसभा चुनाव में अचानक नक्सलियों का हमला तेज क्यों हो गया ??

रांची: मुख्यमंत्री के दावे राज्य में नक्सली खात्मे की ओर है, मुख्यमंत्री के इस दावे को इन दिनों भाकपा माओवादी संगठन नक्सली खुलेआम चुनौती दे रहे हैं.राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नक्सलियों ने अपनी सक्रियता को बढ़ाते हुए पिछले 24 घंटे के अंदर लातेहार लोहरदगा और पलामू में तीन बड़ी घटनाओं का अंजाम देकर दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है.जिस तरह से नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव से पहले अपनी दमदार उपस्थिति का एहसास कराया है. इससे साफ तौर पर जाहिर है कि राज्य सुरक्षाबलों के लिए शांतिपूर्ण चुनाव कराना ही बड़ा चुनौती होगा.पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक जवान शहीद हुए हैं.

तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए धमक दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं नक्सली:-

विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में आचार संहिता लागू है. झारखंड विधानसभा का चुनाव कराने के लिए पूरा सुरक्षातंत्र लगा हुआ है.राज्य में दूसरे राज्यों से मिले अतिरिक्त बल व अर्धसैनिक बलो की तैनाती की गई है. इसके बावजूद नक्सली अपनी धमक दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं. तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए नक्सली एक के बाद एक वारदात को अंजाम देते जा रहे है.नक्सलियों के द्वारा दिए जा रहे एक के बाद एक घटना के अंजाम से दहशत का माहौल बना हुआ है.

एक बाद एक घटना का अंजाम देकर सरकार को दी खुलेआम चुनौती:-

एक बाद एक घटना का अंजाम देकर सरकार को दी खुलेआम चुनौती देने का नक्सलियों ने काम किया है गुरवार को गुमला में चुनाव का बहिष्कार करने के लिए पोस्टरबाजी की शुक्रवार को लातेहार में नक्सलियों के हमले में एक एएसआइ व होमगार्ड के तीन जवान शहीद हो गए और शनिवार को लातेहार के किस्को में सड़क निर्माण में लगी दो जेसीबी को जलाया तो पलामू में दो लोगों की हत्या कर सनसनी फैला दी.

मुख्यमंत्री रघुवर दास और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड को नक्सलवाद से मुक्त बताया था:-

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुनावी रैलियों में झारखंड को नक्सल मुक्त बताया था.उन्होंने कहा था कि नक्सलवाद तेजी से समाप्त हुआ है. जबकि चुनाव आयोग ने कहा है कि राज्य के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं और 13 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं.