राँची के सेंट्रल जेल के सेल नंबर एक में कटी हेमंत सोरेन की रात,अर्दली भी मिला..

राँची। ईडी द्वारा राँची में जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राँची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अपर डिवीजन सेल नंबर 1 में रखा गया है।गुरूवार को ईडी की विशेष अदालत में पेश करने के बाद हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में रखा गया है।जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपर डिवीजन के सेल नंबर एक में रखा गया है।जैसे ही जेल प्रशासन को यह सूचना मिली कि हेमंत सोरेन को ज्यूडिशल कस्टडी में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेजा जा रहा है। वैसे ही उनके लिए अपर डिवीजन के सेल नंबर एक को अलॉट किया गया।गुरुवार देर शाम हेमंत सोरेन के जेल पहुंचने के बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई कर उन्हें सेल नंबर एक में शिफ्ट कर दिया गया।

हेमंत सोरेन को जो सेल अलॉट हुआ, उसमें अटैच बाथरूम और किचन मौजूद है।अपर डिवीजन के सेल नंबर एक को वीआईपी कैदियों को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हेमंत सोरेन को सेल में एक अर्दली भी उपलब्ध करवाया गया।इसी सेल में हेमंत सोरेन ने रात बिताई।

बता दें कि हेमंत सोरेन को बुधवार प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राँची जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को एजेंसी के दफ्तर में ही रखा गया था।जिसके बाद गुरुवार की दोपहर उन्हें ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत में ईडी के तरफ से 10 दिनों की रिमांड की अवधि मांगी गई थी, जिसे लेकर लगभग एक घंटे तक बहस चली।इस मामले की सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था, अब शुक्रवार को रिमांड पर फैसला सामने आएगा।

महज 24 घंटे के भीतर झारखण्ड की राजनीतिक तस्वीर बदल गई है।बुधवार शाम तक जिस हेमंत सोरेन के आसपास परिंदा भी नहीं फटक सकता था, वह अब एक सामान्य विधायक बन कर रह गए हैं।उनके नाम के आगे मुख्यमंत्री की जगह पूर्व मुख्यमंत्री शब्द लग गया है।एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले और झारखण्ड में गुरुजी के नाम से मशहूर शिबू सोरेन के द्वितीय पुत्र हेमंत सोरेन के लिए 1 फरवरी की रात कयामत भरी रात रही, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ कि उन्हें जेल में रात गुजारना पड़ा।वो अभी न्यायिक हिरासत में हैं। हेमंत सोरेन की रात होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिविजन सेल में कटी।अपर डिविजन की सेल नंबर 01 हेमंत सोरेन वीवीआईपी आरोपियों और कैदियों के लिए अलॉट किया जाता है। इस सेल में अटैच बाथरूम किचन और अर्दली की व्यवस्था होती है।

लैंड स्कैम मामले में ईडी की विशेष अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।अब आज 2 फरवरी को साफ हो पाएगा कि कोर्ट कितने दिन का रिमांड देती है। लेकिन सबसे खास बात है की दूसरी तरफ इस कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हुई है। लिहाजा देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला आता है।

इस मसले पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दुर्भावना से प्रेरित होकर उनके क्लाइंट के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। राँची के बड़गाईं स्थित जिस जमीन के प्लॉट को लेकर कार्रवाई की गई है, उसे हेमंत सोरेन का कोई लेना-देना नहीं है।उन्होंने कहा कि 8 एकड़ की जमीन को कोई कह देगा कि वह मेरा है तो क्या वह मेरा हो जाएगा वह भुईंहरी जमीन है, उसका ट्रांसफर भी नहीं हो सकता है। उस जमीन का म्यूटेशन भी हमारे क्लाइंट के नाम से नहीं है। जिस अंचल कर्मी भानु प्रताप प्रसाद के घर से बरामद जमीन के कागजात में हुई टेंपरिंग को लेकर FIR हुआ है, उससे भी हमारा कोई कनेक्शन नहीं है।