घोर कलयुग: सास और दामाद बना रहे थे अवैध संबंध, भांजी ने देख लिया तो कर दी हत्या

रांची। सास और दामाद में था अवैध संबंध, भांजी ने देख लिया तो दोनो बे मिलकर छह साल की बच्ची की कर दी हत्या। डोरंडा पुलिस ने घटना के सात साल बाद बहुचर्चित छह साल की बच्ची के हत्याकांड का खुलासा कर लिया और दो आरोपियो को सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जेल जाने वालों में बच्ची की मामी शहजादी खातुन व शहजादी की बहन का दामाद मोहम्मद शाहिद अख्तर शामिल हैं। हत्या के पीछे शहजादी का मोहम्मद शाहिद से अवैध संबंध का मामला सामने आया है। बच्ची ने दोनों को संबंध बनाने देख लिया था। दोनों का भेद न खुल जाये, इसके चलते ही शहजादी के कहने पर शाहिद ने बच्ची की हत्या कर दी थी और रात के अंधेरे में बच्ची के घर के पास स्थित एक निर्माणाधीन मकान में शव को फेंक दिया था। रांची पुलिस आरोपियो के ब्रेन मैपिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान व मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही उन्हें गिरफ्तार की, जिसके बाद यह कहानी सामने आई।

शहजादी के कहने पर शाहिद ने की थी बच्ची की हत्या

शहजादी और शाहिद के बीच नाजायज संबंध था। 23 अप्रैल 2013 को जिस कमरे में दोनों संबंध बना रहे थे, उसी बीच बच्ची पहुंच गई। बच्ची ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद दोनों डर गए कि कहीं उनका भेद न खुल जाये। शहजादी के ही कहने पर शाहीद ने बच्ची को पकड़ लिया और उसकी हत्या कर दी। 23 अप्रैल 2013 की रात के अंधेरे में शहजादी के घर से ही शव को लेकर दोनों बच्ची के घर के सामने निर्माणाधीन मकान में पहुंचे और शव फेंककर चले गए। दूसरे दिन यानी 24 अप्रैल को पुलिस व परिजन ने बच्ची का शव बरामद किया था।

नार्को टेस्ट व मोबाइल लोकेशन से खुला हत्या का राज

पुलिस ने दोनों के नार्को टेस्ट के लिए एक जनवरी 2019 को अदालत में आवेदन दिया था। एक जून को अदालत से अनुमति के बाद गुजरात में दोनों का ब्रेन मैपिंग हुआ। इसमें टेस्ट पॉजिटिव निकला। वहां से इंडिकेशन मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। वहीं जांच के खुलासे में मोबाइल लोकेशन भी मददगार साबित हुआ।

खेलने के क्रम में गायब हो गई थी बच्ची

छह साल की मासूम बच्ची 23 अप्रैल 2013 को खेलने के क्रम में लापता हो गई थी। दूसरे दिन यानी 24 अप्रैल 2013 को उसकी लाश उसके घर के सामने स्थित निर्माणाधीन मकान में मिली थी। उसके हाथ, चेहरे, कान और शरीर पर गहरे चोट के निशान भी मिले थे। दुष्कर्म व हत्या के मामले में डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रोम सेक्सुअल अफेंसेज (पोक्सो) एक्ट भी जोड़ा गया था। घटना के बाद डॉग स्क्वायड, एफएसएल की मदद भी ली गई थी। इस मामले में पुलिस ने शक के आधार पर कुरैशी मोहल्ला निवासी सद्दाम कुरैशी को जेल भेजा था। बाद में वह जमानत पर छूट गया था।