गैंगस्टर कुणाल सिंह हत्याकांड में कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह सहित आठ लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज

पलामू। पलामू में गैंगेस्टर कुणाल सिंह हत्याकांड में कुख्यात अपराधी सरगना डब्लू सिंह सहित आठ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी के उपर हत्या और हत्या के लिए षडयंत्र रचने सहित धाराएं लगायी गयी हैं। कुणाल सिंह के छोटे भाई चंदन सिंह के बयान पर मामला दर्ज कराया गया है। मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। इस हत्याकांड के जांच और आरोपियों पर कार्रवाई के लिए एसआईटी की तीन अलग टीमें इसमें कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए तीन संदिग्ध अपराधियों को हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए तीनों संदिग्ध अपराधियों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि इसकी पुलिस द्वारा पुष्टि नहीं की गयी है।

मेदिनीनगर शहर थाना प्रभारी अरूण कुमार माहथा ने बताया कि हत्या के बाद शुरूआती छानबीन में ही इस कांड में कुख्यात अपराधी सरगना डब्लू सिंह गिरोह की संलिप्तता सामने आयी थी। छानबीन के बाद डब्ल्यू सिंह और उसके छोटे भाई छोटू सिंह, राजू तिर्की, अनु विश्वकर्मा, विजय शर्मा, स्वेतकेतु, ऋषि उपाध्याय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी। थाना प्रभारी ने कहा कि घटना में संलिप्त सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी तेज की गयी है। एसआइटी की टीम अलग अलग टुकड़ियों में बंटकर इनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।

विदित हो कि गैंगस्टर कुणाल सिंह को बुधवार की सुबह सुबह सात बजे मेदिनीनगर के हमीदगंज से बिस्फुटा की जाने के क्रम में अघोर आश्रम के समीप सुदना विद्युत ग्रिड के सामने हत्या कर दी गई थी। इस दौरान गोली मारने से पहले अपराधियों ने कुणाल सिंह की कार को टाटा सफारी से धक्का मारा। उसके बाद ताबड़तोड़ पांच गोलियां चलायी। दो गोली उसके शरीर में लगी थी। एक गोली ललाट और एक सीने में लगी थी। इससे मौके पर ही कुणाल सिंह की मौत हो गयी थी। हालांकि इसके बाद उसे पीएमसीएच मेदिनीनगर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुणाल सिंह मेदिनीनगर शहर के हमीदगंज में पुलिस लाइन के पीछे रहता था। घटना के बाद अपराधी मौके पर सफारी को छोड़कर मोटरसाइकिल से फरार हो गये।

सजायाफ्ता गैंगस्टर कुणाल पर दर्ज हैं 13 आपराधिक मामले, जमानत पर था बाहर

मृतक कुणाल सिंह भी पेशेवर अपराधी था तथा हत्याकांड में सजायाफ्ता है और वर्तमान में जमानत पर था। मृतक के विरूद्ध 13 आपराधिक कांड दर्ज है, जिसमें वह आरोपित था एवं सजा प्राप्त है। झारखंड-बिहार में कुख्यात आपराधिक गिरोह के सरगना और एक्स आर्मी मैन कुणाल किशोर सिंह समेत चार अपराधियों को आर्म्स एक्ट के तहत सजा सुनायी गयी थी। आर्म्स एक्ट के छह साल पुराने मामले में व्यवहार न्यायालय की निचली अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए 15 मार्च 2018 को सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी।कोर्ट ने सभी को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर सभी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होती। इसी मामले में कुणाल फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर था।

इन मामलों में था कुणाल का हाथ

कुणाल सिंह अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ा और चर्चित आजसू पार्टी के नेता मेदिनीनगर के जेलहाता निवासी साजिद अहमद सिद्दीकी उर्फ बॉबी खान की हत्या में उसकी संलिप्तता सामने आयी। जिसके बाद कुणाल ने अपने साथियों के साथ पलामू के प्रतिष्ठित व्यवसायी और राजद के वरिष्ठ नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोते अभिनव पांडेय का बड़े ही नाटकीय ढंग से अपहरण कर लिया था। इन घटनाओं के बाद कुणाल सिंह को राँची स्थित आर्मी कैंप से गिरफ्तार किया गया था। कुणाल सिंह काफी शातिर अपराधी बताया जाता था। गौरतलब है कि आर्मी कैंप से ही निकलकर उसने आजसू पार्टी के नेता बॉबी खान की हत्या की थी और फिर बड़े आराम से कैंप में वापस आ गया था। पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। पलामू के तत्कालीन एसपी अनूप टी मैथ्यू के अथक प्रयास से उसकी गिरफ्तारी हो पायी थी।