ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंजीनियर वीरेंद्र राम और आलोक रंजन को हिरासत में लिया

राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम और आलोक रंजन नाम के व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. ईडी ने मंगलवार को वीरेंद्र राम और उनसे जुड़े कई लोगों खिलाफ कई जगहों पर छापेमारी शुरू की थी।मंगलवार को जब ईडी की टीम ने वीरेंद्र राम के आवास पर औचक छापेमारी की तो दावा किया गया कि वह आलोक रंजन के साथ चाय का आनंद ले रहे थे।दिलचस्प बात यह है कि वकील कहे जाने वाले आलोक रंजन वही व्यक्ति हैं, जिन्हें 2019 में झारखण्ड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो( एसीबी) ने गिरफ्तार किया था।जब एसीबी ने विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के जमशेदपुर स्थित परिसर में छापा मारा था और 2.67 करोड़ नकद रुपये बरामद किए थे।तब यह राशि आलोक रंजन के कमरे से बरामद की गई थी, जिसने यहां किराएदार के रूप में रहने का दावा किया था।सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारियों ने पहले तो आलोक रंजन को नहीं पहचाना और उन्होंने नौकर होने का नाटक किया,लेकिन उसकी गतिविधि ने संदेह पैदा किया। इस पर ईडी के अधिकारियों ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपनी पहचान बता दी।सूत्रों ने कहा कि ईडी ने विरेंद्र राम के आठ एसयूवी, नई दिल्ली में डिफेंस कॉलोनी में चार घरों सहित छह घरों की खोज की है। जो 20 करोड़ रुपये से अधिक के हैं। इसके निवेश से संबंधित दस्तावेज, गहने के अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज छापे के दौरान बरामद किए गए हैं. जानकारी के अनुसार राँची, जमशेदपुर, पटना, दिल्ली, सीवान, हरियाणा समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।ईडी की टीम ने जब छापेमारी शुरू की तो विरेंद्र राम सुबह करीब 9 बजे वसुंधरा एस्टेट में अपने एक डुप्लेक्स में था।

इधर छापेमारी में करोड़ों का जेवरात मिला है।