राँची के डेवलपर को उत्तराखंड के हरिद्वार में फर्जी जमीन दिखा कर एक करोड़ पांच लाख की ठगी, आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के एक डेवलपर को उत्तराखंड हरिद्वार में फर्जी जमीन दिखा छह लोगो ने एक करोड़ पांच लाख रुपए की ठगी कर ली है। इस संबंध में अरगोड़ा थाना में राज गोविंद डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड राँची के संचालक नागेंद्र प्रसाद सैनी ने छह के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें गुजरात बड़ोदरा निवासी बालमुकंद पासवान, उत्तराखंड हरिद्वार निवासी मो. उमर, मो. हारुण अली, मोनू राव, पंकज कुमार और विजय चौहान शामिल है। इनके विरुद्ध भादवि की धारा 406, 420, 467, 468, 471 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। अरगोड़ा थाना की पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है।

तीन लोग पहले आए, हरिद्वार में कीमती जमीन है यह कह लिया झांसे में

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नागेंद्र प्रसाद सैनी के पास बाल मुकुंद पासवान, मो. उमर और मोनू राय आए। तीनों ने खुद को उत्तराखंड हरिद्वार का रहने वाला बताया। फिर उन्हें उत्तराखंड हरिद्वार में एक पचास बीघा जमीन का प्लाट का फोटो व वीडियो दिखाया। तीनों ने कहा कि अगर वे इस जमीन को ले डेवलप करते है तो उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। तीनों ने यह भी कहा कि हरिद्वार में जमीन खरीदने के लिए उनके पास कई डाक्टर उपलब्ध है। जिन्हें जमीन बेच कर अच्छी कमाई हो सकती है। बताया कि उक्त जमीन का मालिकाना हक मो. उमर, मो हारुन अली और उनके भाईयों की है। बाल मुकुंद ने बताया कि उसने उक्त जमीन का इकरारनामा कर लिया है। जमीन के कागजात दिखा सभी ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया। लंबी बातचीत के बाद नागेंद्र प्रसाद सैनी के साथ उक्त जमीन का दस लाख इकसठ हजार रुपए प्रति बीघा के हिसाब से रेट तय हुआ। सारे पेपर व जमीन की वीडियो देखने के बाद नागेंद्र प्रसाद सैनी ने तीनों को टोकन अमाउंट के रूप में 11 लाख रुपए भी उन्हें दे दिया।

सैनी गए हरिद्वार तो उन्हें फर्जी जमीन दिखा किया इकरारनामा और ले लिए पैसे

राँची में बात होने के बाद नागेंद्र प्रसाद सैनी हरिद्वार गए। वहां उन्हें फर्जी जमीन दिखाई गई। फिर सभी ने मिलकर उनके साथ इकरारनामा किया और जमीन की कीमत पांच करोड़ रुपए तय हुई। जमीन की कीमत का 20 फीसदी एक करोड़ पांच लाख रुपए इन लोगो ने सैनी से ले लिया। सैनी ने चेक के माध्यम से इन्हें पैसे पेमेंट किया। जब सैनी ने पैसे देने के बाद जमीन की रजिस्ट्री की बात करनी शुरू की तो सभी टाल मटोल करने लगे। इसपर सैनी को शक होने लगा। वे फिर दोबारा हरिद्वार गए और जमीन मालिक को खोजना शुरू किया। जब वे उक्त जमीन पर गए तो पता चला कि वह पहली बार जो जमीन दिखाई गई वह किसी और की थी। तब उन्हें यकीन हो गया कि उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है। सभी ने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया। जब सैनी ने बाल मुकुंद पासवान जिन्होंने इस जमीन के लिए पहल की उसके विरुद्ध गुजरात में धोखाधड़ी का मुकदमा पहले से दर्ज है।