झारखण्ड में भी लॉक डाउन को ब्रेकडाउन करने का प्रयास? किस मंत्री के पिए के कहने पर सड़क पर निकल गए सैकड़ों प्रवासी मजदूर?

राँची। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में लॉक डाउन की घोषणा की गई है। राज्य सरकार, केंद्र सरकार, स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार लोगों से अपने अपने घरों में ही रहने की अपील की जा रही है। जो जहां है उसे वहीं रहने की सलाह दी जा रही है। देश के सभी राज्यों में दूसरे प्रदेशों से आये मजदूरों या राज्य के असहाय अक्षम निर्धन लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन और सामाजिक लोगों के द्वारा भोजन जैसी अनिवार्य सेवाओं का खयाल रखा जा रहा है। झारखण्ड में भी राज्य के सभी जिलों के थाना क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। फिर भी आज झारखण्ड राजधानी राँची के सड़क पर जो नजारा था वह बिल्कुल ही समाज हित और लोकहित में नहीं था। सड़क पर सैकड़ों मजदूर नामकुम थाना क्षेत्र से चलकर धुर्वा की ओर जा रहे थे। पूछने पर बताया कि राज्य के मंत्री के पिए ने फोन कर बुलाया है, घर छोड़ने के लिए।

ग्रामीण विकास मंत्री के पिए ने बुलाया था मजदूरों को?

नामकुम से चलकर धुर्वा की ओर जा रहे सैकड़ों मजदूरों की सूचना मिलते ही चुटिया थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रवि ठाकुर बहु बाजार पहुंच कर मजदूरों को रोका और पूछताछ करने के बाद उन्हें भोजन मुहैय्या कराया। पूछताछ के दौरान ही थाना प्रभारी के सरकारी नम्बर एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को ग्रामीण विकास मंत्री का पिए बतलाया और कहा कि मुर्शिदाबाद के लिए 5 बसों का परमिशन हुआ है इन्हें जाने दीजिये। इसके बाद थाना प्रभारी द्वारा मजदूरों को दूरी बनाते हुए चुटिया बहुबजार से शहिद मैदान धुर्वा के लिए रवाना किया गया।

क्या सरकार 100 मजदूरों का व्यवस्था नहीं कर सकती?

एक ओर जहां मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन लगातार राज्य के लोगों और राज्य के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे लोगों से नियम मानने के लिए कह रहे हैं, प्रेरित कर रहे हैं। रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस या सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को संयम से रहने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सीएम अधिकारियों से बार बार जरूरत मन्द लोगों को भोजन सहित अन्य जरूरी समान मुहैया कराने का आदेश दे रहे है, प्रशासन दिन रात अपनी जान की चिंता न कर लोगों के लिए व्यवस्था में लगी हुई है, तो फिर उन मजदूरों पर क्या आफत आ पड़ी की नियम को ताक पर रखकर ऐसा जोखिम भरा कदम उठाया गया? क्यो जानबूझकर खतरे को बुलाया जा रहा है? जबकि वीडियो में मजदूर साफ साफ कहता दिख रहा है कि हमे फोन कर बुलाया गया तभी हम निकले हैं, नहीं तो हमसब पिछले चार दिन से आराम से थे। ऐसे कुछ चुनिंदा लोग सरकार की सभी काम और तैयारियों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। झारखण्ड न्यूज़ माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि मामले को गम्भीरता से लेते हुए, चेतावनी जारी करें ताकि कोई और इस संकट की घड़ी में सरकार के आदेशों निर्देशों का अवहेलना करने का प्रयास न करे।