झारखण्ड की मासूम बच्ची पर जुल्म ढाने वाला सीआईएसएफ दम्पति गिरफ्तार,घरेलू काम कराने ले गया था

राँची।झारखण्ड में रहने वाली एक महिला को हर माह रुपये भेजने का लालच देकर उसकी सात साल की बेटी को सीआइएसएफ में पदस्थ दंपती कोरबा ले गया।जहां मासूम बच्ची से घर का पूरा काम कराया जा रहा था। यही नहीं रात को भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता। बच्ची ने झाड़ू से पिटाई करने की भी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मानव तस्करी का मामला पंजीबद्ध कर आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया है।

खबर के अनुसार संदीप उरांव व उसकी पत्नी जगरानी खाका केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में हवलदार के पद पर पदस्थ हैं। झारखण्ड के गुमला थाना अंतर्गत ग्राम जोरिया में रहने वाली एक बेवा महिला की आर्थिक तंगी का फायदा उठाते हुए संदीप व जगरानी ने उसकी सात साल की बेटी को अपने साथ निवास स्थान दर्री सीआइएसएफ कालोनी ले आए।उन्होंने उसकी माँ को भरोसा दिलाया था कि घर का थोड़ा बहुत कामकाज करेगी और इसके बदले उसे खाना पीना, कपड़ा सहित सारी सुविधाएं दी जाएगी। इसके अलावा प्रतिमाह एक हजार रुपये भेजा जाएगा। बच्ची की बेहतर शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला की बात भी कही थी। बच्ची के बेहतर भविष्य के लिए उसकी माँ राजी हो गई। 27 फरवरी को कोरबा ले जाने के बाद दंपती ने मासूम पर झाड़ू, पोछा, बर्तन कपड़ा समेत तमाम काम का बोझ डाल दिया। सात दिन तक बच्ची सबकुछ सहती रही। नौ मार्च को सुबह सात बजे मौका मिलते ही बच्ची घर से भाग निकली। अकेले यहां वहां भटक रही बच्ची पर एक स्थानीय व्यक्ति की नजर पड़ी। उसने डायल 112 को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस की टीम बच्ची को लेकर दर्री थाना पहुंची। नियमानुसार बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। काउंसलिंग के दौरान बच्ची ने आपबीती सुनाई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्री पुलिस ने सीआईएसएफ के जवान व उसकी पत्नी के खिलाफ मानव तस्करी का मामला धारा 370 के अलावा 323, 34 व जेजे एक्ट का भी अपराध पंजीबद्ध किया है।

वहीं पीड़ित बच्ची ने बताया है कि आठ मार्च की रात को जगरानी ने उसे झाड़ू से पीटा था। इसलिए वह बेहद डर गई थी। सुबह होने पर किसी को कुछ बताए बगैर घर से बाहर निकल गई। बच्ची को फिलहाल रामपुर स्थित बालिका गृह में रखा गया है। इसकी सूचना मिलने पर उसकी माँ झारखण्ड गुमला से उसे लेने कोरबा पहुंच गई है।

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