राँची के 3 थानेदार पर कार्रवाई के लिए एसएसपी ने की डीआईजी से अनुशंसा,महिला थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू

–वरीय अधिकारी के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे इंस्पेक्टर-दराेगा,पेंडिंग केस निष्पादित नहीं करने वाले 8 पदाधिकारी नपे

राँची। 5 वर्ष या उससे ज्यादा समय से लंबित कांडाे का निष्पादन नहीं करने वाले इंस्पेक्टर, दराेगा और एएसआई पर एसएसपी किशाेर काैशल ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। विभिन्न थानाें में लंबित एक-एक लंबित कांड का एसएसपी खूद रिब्यू कर रहे हैं और पुलिस पदाधिकारियाें काे लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इसके बाद भी थानेदार समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी केस निष्पादन में रूची नहीं दिखा रहे हैं। एसएसपी ने ऐसे थानेदार और अन्य पुलिस पदाधिकारियाें काे चिन्हित कर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। डाेरंडा थानेदार रमेश कुमार, धुर्वा थानेदार प्रवीण कुमार और सदर थानेदार श्यामकिशाेर महताे काे पेंडिंग केस का निष्पादन करने में लापरवाह पाया गया। इसके बाद एसएसपी ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीआईजी अनीश गुप्ता से अनुशंसा किया है। डीआईजी से स्वीकृति मिलते ही इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। वहीं महिला थाना प्रभारी बिन्ध्यवासिनी के खिलाफ लापरवाही के आराेप में एसएसपी के निर्देश पर विभागीय जांच शुरू की गई है। इनके अलावा अन्य 3 दराेगा और एक एएसआई के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

1.रमेश कुमार, डाेरंडा थाना प्रभारी।डाेरंडा थाना में वर्ष 2008 में दर्ज महिला और दहेज प्रताड़ना से संबंधित केस के निष्पादन में थानेदार रमेश कुमार ने 14 वर्षाें बाद भी रूची नहीं दिखाई। इसके अलावा 2012 में दर्ज कांड संख्या 409/12, 2016 में दर्ज कांड संख्या 43/16 भी पेंडिंग है। वरीय अधिकारियाें के निर्देश के बाद भी वर्षाें से लंबित कांड के निष्पादन की दिशा में डाेरंडा थानेदार ने कोई कार्य नहीं किया। थानेदार की लापरवाही के लिए एसएसपी किशाेर काैशल ने डीआईजी अनीश गुप्ता से कार्रवाई की अनुशंसा की है।

2.प्रवीण कुमार, धुर्वा थाना प्रभारी-धुर्वा थाने में वर्ष 2017 में दर्ज अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम से संबंधित कांड संख्या 35/17 के निष्पादन में थानेदार प्रवीण कुमार ने काेई रूची नहीं दिखाई। 16 फरवरी 2022 काे थानेदार प्रवीण कुमार ने कांड का प्रभार लिया था। हालांकि केस का प्रभार लिए जाने के 10 महिने बाद भी थानेदार ने निष्पादन के लिए काेई प्रयास नहीं किया जिसके बाद 17 दिसंबर काे कांड का प्रभार हटिया डीएसपी राजा कुमार मित्रा काे साैंपा गया है। थानेदार की लापरवाही के लिए डीआईजी अनीश गुप्ता से कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

3.श्यामकिशोर महतो, सदर थाना प्रभारी-सदर थाना में वर्ष 2017 में आईटी एक्ट से संबंधित कांड संख्या 581/17 दर्ज किया गया था। प्राथमिकी दर्ज हाेने के 5 वर्ष बाद भी केस लंबित है। सदर थानेदार 9 अक्टूबर 2021 काे कांड का प्रभार ताे लिए लेकिन 14 माह बाद भी निष्पादन की दिशा में काेई कार्रवाई नहीं की। केस निष्पादन काे लेकर थानेदार इतना लापरवाह रहे कि माेबाईल का कैफ तक निकालने के लिए काेई प्रयास नहीं किए। थानेदार का यह घाेर लापरवाही उजागर हाेने के बाद एसएसपी ने डीआईजी से कार्रवाई के लिए अनुशंसा किया है।

4.बिन्ध्यवासिनी, महिला थाना प्रभारी-दहेज प्रताड़ना से संबंधित महिला थाने में दर्ज कांड संख्या 40/17 पिछले 5 वर्षों से पेंडिंग है लेकिन इसका निष्पादन के लिए थानेदार ने काेई प्रयास नहीं किया। महिला थानेदार के लापरवाही की वजह से यह कांड अनावश्यक रूप से लंबित चला आ रहा है। इस लापरवाही के लिए एसएसपी ने इनके विरूद्व विभागीय जांच प्रारम्भ करने का निर्देश दिया है।

5.रमेश साहु, दराेगा सुखदेवनगर थाना-कांड संख्या 55/16, 81/16 और 512/17 पिछले 5 वर्षाें से पेंडिंग है। तीनाें ही मामलाें में एक-एक अभियुक्त की गिरफ्तारी और कुर्की जब्ती करना बचा हुआ है। दराेगा 19 अक्टूबर काे तीनाें कांड का प्रभार लिया लेकिन 45 दिनाें बाद भी काेई कार्रवाई नहीं की। तीनाें कांड बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है। एसएसपी ने जब कांड का रिब्यू किया ताे दराेगा की लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद एसएसपी के आदेश पर दराेगा रमेश साहु के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।

6.सुनिता कच्छप, दराेगा महिला थाना-महिला और दहेज प्रताड़ना से संबंधित महिला थाने में दर्ज कांड संख्या 40/17 पिछले 5 वर्षाें से पेंडिंग है। 25 जनवरी को कांड का प्रभार सुनिता कच्छप काे दिया गया लेकिन इसने किसी भी अभियुक्त के खिलाफ अनुसंधान पूरा नहीं किया। दराेगा इतनी लापरवाह रही कि 2 नवम्बर काे वारन्ट मिलने के 45 दिनों बाद भी आराेपियाें के गिरफ्तारी के लिए ना ताे कोई छापेमारी की और ना ही उसे पकड़ने के लिए काेई प्रयास। एसएसपी ने कांड का रिब्यू किया ताे दराेगा की लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद लापरवाह दराेगा के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ किया गया है।

7.सुषमा कुजूर, दराेगा डोरंडा थाना- वर्ष 2016 में महिला और दहेज प्रताड़ना से संबंधित डाेरंडा थाने में दर्ज कांड संख्या 43/16 पिछले 6 वर्षाें से पेंडिंग है। 15 जुलार्ई 2019 काे दराेगा सुषमा कुजूर ने कांड का प्रभार लिया लेकिन 3 वर्ष बाद भी ना ताे वारंट निकाली और ना ही काेई दैनिकी समर्पित की। एसएसपी ने कांड का रिब्यू किया ताे दराेगा की लापरवाही सामने आई। एसएसपी के निर्देश पर इस लापरवाही के लिए विभागीय जांच शुरू की गई है।

8.सुशीला किंडाे, एएसआई डाेरंडा थाना-महिला और दहेज प्रताड़ना से संबंधित डाेरंडा थाने में दर्ज कांड संख्या 409/12 पिछले 10 वर्षाें से पेंडिंग है। 23 नवम्बर को एएसआई सुशीला किंडाे ने कांड का प्रभार ग्रहण किया गया। प्रभार लेने के बाद से सुशीला ने कांड निष्पादन के दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। अनुसंधान को बिल्कुल ठप रखा है। इस लापरवाही के लिए इनके विरुद्ध एसएसपी के निर्देश पर विभागीय जांच शुरू की गई है।