Ranchi:भवन निर्माण विभाग के कर्मचारी के खाते से साइबर अपराधियों ने उड़ाए एक लाख रुपये,जगन्नाथपुर थाना में दर्ज कराई प्राथमिकी,पुलिस कर रही है छानबीन
राँची।साइबर अपराधियों द्वारा आम लोगो को अब जाने माने विज्ञापन एप पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। ताजा मामला जगन्नाथपुर थाना में दर्ज हुआ है। जहां साइबर अपराधियों ने भवन निर्माण विभाग के कर्मचारी राकेश कुमार के खाते से एक लाख रुपए उड़ा दिए है। इस संबंध में भवन निर्माण विभाग के कर्मचारी राकेश कुमार ने जगन्नाथपुर थाना में 23 अक्टूबर को साइबर ठगी की प्राथमिकी फोन करने वाले उक्त नंबर के विरुद्ध दर्ज कराई है, जिसने फोन कर उनसे बात की थी। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार राकेश कुमार जो भवन निर्माण विभाग झारखण्ड में कार्यरत है उन्हें 20 अक्टूबर को विभाग के प्रधान आप्त सचिव ने कहा कि उनकी हटिया केनरा बैंक के पीछे एक प्रापर्टी जगदीश इनक्लेव में है। जिसका डिटेल मैजिक ब्रिक्स में किराए के लिए डालना है। उनके कहने पर राकेश कुमार ने मैजिक ब्रिक्स पर उनकी प्रापर्टी का डिटेल डाल दिया। डिटेल डालते ही उनके पास एक मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने प्रापर्टी का डिटेल वाट्सएप पर मांगा। राकेश कुमार ने उसे प्रापर्टी का डिटेल्स भेज दिया।
किराए के पैसे ट्रांसफर करने के नाम पर मांगा बैंक डिटेल व उड़ा लिए पैसे
राकेश कुमार को अगले दिन एक फिर नए नंबर से उन्हें फोन आया। उसने कहा कि उसे प्रोपर्टी पसंद है। वह किराए के पैसे देने के लिए तैयार है। फिर उसने अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड व कैंटीन कार्ड की फोटो उन्हें भेजा। ताकि उन्हें उसपर भरोसा हो जाए। राकेश कुमार ने इसकी जानकारी प्रधान आप्त सचिव को दी कि उक्त फोन करने वाला व्यक्ति 13 हजार रुपए प्रति माह की दर से छह माह का किराया 91 हजार रुपए देने के लिए तैयार है। फिर उक्त व्यक्ति ने राकेश से पेमेंट के लिए गूगल पे आईडी या पेटिएम आईडी की मांग की। इस बात की जानकारी राकेश कुमार ने प्रधान आप्त सचिव को दी। उनके कहने पर राकेश कुमार ने फोन करने वाले के दिए नंबर पर एक रुपए जमा कर दिए। फिर उसके खाते में दो रुपए जमा हो गए। इसके बाद उनके खाते से छह बार में 99,969 रुपए की निकासी हो गई।
थाना प्रभारी खुद बने मामले का आईओ कर रहे है जांच
ठगी के बाद जगन्नाथपुर थाना को इसकी जानकारी दी गई। जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज कर थाना प्रभारी अभय कुमार सिंह इसकी जांच कर रहे है। राकेश कुमार द्वारा जिन जिन नंबरों से उन्हें फोन किया गया उसे पुलिस को उपलब्ध कराया गया है। जो पैन कार्ड, आधार कार्ड व कैंटिन कार्ड की फोटो कॉफी उक्त व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराई गई है पुलिस उसकी भी जांच कर रही है कि वह असली है या फर्जी।