एनसीआरबी रिपोर्ट:झारखण्ड में बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध बढ़े,कोरोना काल में झारखण्ड में महिलाओं के साथ हुए सबसे अधिक अपराध

 

–राज्य में बच्चों के विरुद्ध हुए अपराध के मामले वर्ष 2020 में 1795, वर्ष 2021 में 1867 और 2022 में 1917 किए गए दर्ज

राँची।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2022 के अपराध के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार में दर्ज हुए कुल अपराध की संख्या 2021 की तुलना में बढ़ी है। 2020 में कुल अपराध 51033 दर्ज हुए थे। 2021 में इनकी संख्या में कमी और और कुल 47684 मामले राज्य में दर्ज हुए। लेकिन वर्ष 2022 में राज्य में 48726 मामले अपराध के दर्ज हुए है।झारखण्ड में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि ये वृद्धि मामूली है, 2021 की तुलना में बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध में 2.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं राज्य में महिलाएं के विरुद्ध होने वाले अपराध की कुल संख्या में कमी आई है। 2021 तुलना में वर्ष 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले कम हुए है लेकिन 2020 की तुलना में अपराध बढ़े है। वर्ष 2020 में झारखण्ड में महिलाओं के विरुद्ध कुल 7630 मामले दर्ज हुए थे। वहीं 2021 कोरोना संक्रमण काल में महिलाओं के विरुद्ध दर्ज मामलों में काफी वृद्धि हुई और कुल 8110 मामले दर्ज हुए। वहीं 2022 में इनकी संख्या में कमी आई और झारखण्ड में महिलाओं के विरुद्ध कुल 7678 मामले दर्ज हुए। झारखण्ड में महिलाओं के विरुद्ध 2022 में दहेज प्रताड़ना, दहेज हत्या और पति द्वारा प्रताड़ित करने के मामले में भी इजाफा हुआ है। राज्य में हत्या के मामले में कमी आई है। एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 2020 में 1592 में वर्ष 2021 में 1573 और 2022 में कुल 1550 मामले दर्ज हुए।

महिला:पति द्वारा प्रताड़ित करने के मामले में हुआ इजाफा

पति द्वारा प्रताड़ना के वर्ष 2021 में कुल 850 मामले दर्ज हुए थे जो 2022 में बढ़कर 870 हो गए है। महिलाओं के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना के मामले में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2021 में दहेज प्रताड़ना के झारखण्ड में 1796 मामले दर्ज हुए। जो 2022 में बढ़कर 1844 हो गए। वहीं दहेज हत्या के झारखण्ड में वर्ष 2021 में 208 मामले हुए थे जो वर्ष 2022 में बढ़कर 214 हो गए।2022 में महिलाओं का अपहरण के कुल 756 मामले सामने आए, इसमें 18 साल से उपर की महिलाओं के मामले 541 थे। 2022 में दुष्कर्म के 1298 मामले दर्ज हुए, इसमें 18 साल से उपर 1114 महिलाएं थी। 2022 में 88 मामले दुष्कर्म के प्रयास के भी दर्ज हुए।

बच्चे:नाबालिग बच्चे कर रहे है अपराध

झारखण्ड में नाबालिग बच्चों द्वारा किए जा रहे अपराध की संख्या में वृद्धि आई है। राज्य में 2021 में नाबालिग बच्चों द्वारा किए गए अपराध के 59 मामले दर्ज हुए थे, जो 2021 में बढ़कर 51 हो गए। वहीं वर्ष 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 123 हो गई। बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध के मामले में भी वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020 में बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध मामले में झारखण्ड में कुल 1795 मामले दर्ज हुए, जो 2021 में बढ़कर 1867 हो गए। 2022 में इनकी संख्या में और वृद्धि हुई और राज्य में बच्चों के विरुद्ध हुए कुल 1917 अपराध के मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2022 में पोक्सो के 864 मामले सामने आए। वहीं ट्रैफिकिंग के 63 मामले 2021 में और वर्ष 2022 में ट्रैफिकिंग के 114 मामले दर्ज किए गए।

बुजुर्ग:सीनियर सिटीजन के विरुद्ध अपराध में दोगुणे की वृद्धि

राज्य के सीनियर सिटीजन के विरुद्ध भी होने वाले अपराध की संख्या में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020 में बुजुर्गों के साथ हुए अपराध मामले में जहां महज 2 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2021 में बढ़कर ये मामले 32 हो गए। वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 62 हो गई। बुजुर्गों के विरुद्ध हुए अपराध मामले में पुलिस ने 56 फीसदी मामलों में चार्जशीट दाखिल किया।

एसटी/एससी:महिलाओं को अपमानित करने के मामले ज्यादा

अनुसूचित जन जाति के विरुद्ध होने वाले मामले 2021 की तुलना में बढ़े है। वर्ष 2020 में कुल 347 मामले दर्ज हुए। वहीं 2021 में यह घटकर 250 हो गई और वर्ष 2022 में फिर बढ़कर 283 पर पहुंच गई। अनुसूचित जाति के विरुद्ध भी हुए मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में 666 मामले दर्ज हुए थे। वहीं 2021 में इनकी संख्या 546 हो गई। लेकिन 2022 में ये संख्या फिर बढ़कर 674 पहुंच गई। अनुसूचित जाति की महिलाओं को अपमानित करने 28 मामले 2022 में दर्ज हुए। वहीं दो महिलाओं के साथ यौन प्रताड़ना का मामला सामने आया।

आर्थिक अपराध:एक से 10 लाख के 633 मामले हुए दर्ज

झारखण्ड में आर्थिक अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे है। वर्ष 202 में आर्थिक अपराध के 3160 मामले दर्ज हुए थे। जिनकी संख्या 2021 में घटकर 2772 हो गई। लेकिन वर्ष 2022 में फिर ये संख्या बढ़कर 3085 पहुंच गई। इसमें एक से 10 लाख रुपए के आर्थिक अपराध के मामले 2022 में 633 दर्ज हुए।

पीसी एक्ट : 2022 में 51 की गिरफ्तारी

झारखण्ड में प्रीवेंसन अॉफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) के मामले में भी साल 2022 में वृद्धि हुई है। 2020 में पीसी एक्ट में जहां 63 मामले दर्ज हुए थे वहीं 2021 में यह घटकर 56 पहुंच गया। वहीं 2022 में यह फिर बढकर 67 पर पहुंच गया। 2022 में 51 की गिरफ्तारी हुई। 44 पर चार्जशीट किया गया।

साइबर अपराध : झारखण्ड में 2020 में सबसे अधिक

झारखण्ड में साइबर अपराध के मामले 2020 में सबसे अधिक दर्ज हुए। 2020 में साइबर अपराध के 1204 मामले दर्ज हुए। वहीं 2021 में ये मामले घटकर 953 हो गए। 2022 में कुल 967 मामले साइबर अपराध के दर्ज हुए है। 2022 में दर्ज मामलों में 167 मामले ऐसे थे जिसमें साइबर फ्रॉड के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया।