15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू ने किया सरेंडर

राँची। 15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू ने झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के समक्ष किया आत्मसमर्पण।चतरा जिला के कौलेश्वरी सब जोन में आतंक का परिचायक और भाकपा माओवादी का रिजनल कमांडर इंदल गंझू ऊर्फ ललन गंझू ऊर्फ बढ़न ने आत्मसमर्पण कर दिया है।गुरुवार को पुलिस क्षेत्रीय कार्यालय डोरंडा में आईजी अभियान अमोल वीणुकांत होमकर, झारखण्ड पुलिस एवं सीआरपीएफ के पदाधिकारियों के समक्ष हथियार डाला। पुलिस इसे बड़ी उपलब्धि मान रही है।दरअसल अप्रैल माह में चतरा में हुई माओवादियों और पुलिस की मुठभेड़ के बाद कमांडर इंदल गंझू का पटना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की बात सामने आ रही थी। हालांकि इस आत्मसमर्पण पर पुलिस ने किसी तरह का कोई बयान जारी नहीं किया था। आज पुलिस आधिकारिक रूप से सरेंडर करने की बात कह रही है।

इंदल गंझू का पूरा नाम इंदल उर्फ उमा उर्फ इंदल है। उसके पिता का नाम हरिहर भोक्ता है। वह गया के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैना गांव का रहनेवाला है। उसके खिलाफ बिहार-झारखण्ड में करीब 100 से अधिक केस दर्ज हैं। यह भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के झारखण्ड में रीजनल कमेटी का मेंबर है।

चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में तीन अप्रैल को माओवादियों और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें माओवादियों के टॉप पांच कमांडर मारे गए थे। बताया जा रहा है कि इंदल गंझू भी इसी टीम का हिस्सा था। लेकिन मुठभेड़ में वह शामिल था कि नहीं इस बात का खुलासा नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ के बाद वह इलाके से भागने में कामयाब रहा।

बताया जा रहा है कि लावालौंग मुठभेड़ में माओवादी कमांडर गौतम पासवान की मौत होने के बाद इसे माओवादियों के मध्यजोन का टॉप कमांडर बनाने की बात चल रही थी। वहीं मध्य जोन का प्रमुख बनने में दूसरा नाम मनोहर गंझू का भी आ रहा था। इंदल गंझू पर पलामू, चतरा, लातेहार जिले में सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं। पलामू के मनातू, हरिहरगंज और नौडीहा बाजार में सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज किए गए हैं।

झारखण्ड में पुलिस और राज्य सरकार की अपील पर कई बड़े नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। सरकार झारखण्ड को नक्सल मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चला रही है। नक्सली संगठनों से जुड़े लोगों से कहा गया है कि वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए सरेंडर करें और देश के बेहतर नागरिक बनें। पुलिस की कार्रवाई से बचने और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर करने लगे हैं।

इंदल पर झारखण्ड के चतरा जिले में 48,पलामू जिले में 01,हजारीबाग जिले में 05,वहीं बिहार के गया जिले में 77 और औरंगाबाद जिले में 13 मामले दर्ज है।