डुमरी विधानसभा उपचुनाव 2023:मतदान केंद्रों पर दिखने लगी है लंबी कतार,लोगों में दिखने लगा उत्साह….शांतिपूर्ण मतदान जारी है…

गिरिडीह।झारखण्ड में डुमरी विधानसभा उपचुनाव में मतदान शुरू है। मतदान केंद्रों के बाहर सुबह से ही मतदाताओं की कतार नजर आने लगी है। 33-डुमरी विधानसभा उपचुनाव का मतदान सुबह 7 बजे पूर्वाह्न से डुमरी विधान सभा क्षेत्र के सभी बूथों पर शुरू हुआ। इस दौरान पूर्वाह्न 9.00 बजे तक हुए मतदान का प्रतिशत 11.40% रहा। सुबह के 11:00 तक 27.56 प्रतिशत मतदान हुआ है।फिलहाल, मतदान की प्रक्रिया जारी है।ज

वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में भी चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। नक्सल प्रभावित नागाबाद में उत्क्रमित मध्य विधालय नागाबाद में बूथ नम्बर 10, 11, 12 और 13 में सबसे अधिक महिलाओं में मतदान को लेकर उत्साह नजर आ रहा है।

वहीं,जेएमएम की प्रत्याशी बेबी देवी ने बूथ संख्या 347 से मतदान किया। इस बूथ से पहला मतदान उन्होंने किया। घर से निकलकर वह सीधे मंदिर पहुंची इसके बाद वह मतदान केंद्र पहुंची। मतदान के बाद उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सुबह का वक्त लोग जल्दी मतदान कर लें। मतदाताओं में उत्साह नजर आ रहा है।

डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर विभिन्न मतदान केन्द्रों पर मतदान के लिए लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। महिला मतदाताओं में भी काफी उत्साह दिख रहा है। आज मतदान होगा जबकि वोट की गिनती 8 सितंबर को होगी। 10 सितंबर तक चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण माहौल में निर्वाचन संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। -सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स -झारखण्ड आर्म्स पुलिस की ईको कंपनी -होमगार्ड -जिला आर्म्स पुलिस फोर्स -झारखण्ड जगुवार फोर्स तैनात है।

डूमरी विधानसभा में 2,98,629 मतदाता हैं। 2,98,629 मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,54, 452 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,44,174 है। डुमरी विधानसभा क्षेत्र दो जिले के तीन प्रखंडों में बंटा हुआ है। गिरिडीह का डुमरी प्रखंड और बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड व चन्द्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतें शामिल हैं। 1977 से इस विधानसभा में कुर्मी जाति और डुमरी प्रखंड के बाहर के ही लोग विधायक बनते रहे हैं। 1977 से पहले इस विधानसभा में डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड शामिल था। कई बार इस प्रखंड के लोगों ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। 1977 से पहले हुए परिसीमन में डुमरी के साथ नावाडीह और चंद्रपुरा के नौ पंचायतों को जोड़ दिया गया।

डुमरी का इतिहास

1952 में हुई केबी सहाय,1957 और 1962 में राजा पार्टी से हेमलाल प्रगनेत, 1967 में राजा पार्टी से राजमाता एस मंजरी, 1969 में मध्यावधि चुनाव हुए और राजा पार्टी से केपी सिंह जो एकीकृत बिहार में पीडब्ल्यूडी मंत्री बने,1972 में कांग्रेस पार्टी से मुरली भगत विधायक बने। डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड इस विधासभा में शामिल था। परिसीमन के बाद डुमरी और नावाडीह को मिलाकर विधानसभा क्षेत्र बना। 1977 में जनता पार्टी से लालचंद महतो, 1980 में मध्यावर्ती चुनाव हुआ और पहली बार झामुमो से शिवा महतो चुनाव जीते और झारखण्ड कॉमर्स कॉलेज की स्थापना की। 1985 में शिवा महतो दूसरी बार डुमरी से विधायक चुने गए। 1990 में लालचंद महतो ने जनता दल से चुनाव लड़ा और इस सीट को एक बार फिर से हथिया लिया। 1995 में झामुमो से शिवा महतो तीसरी बार चुनाव जीतकर डुमरी से विधायक चुने गए। 2000 में लालचंद महतो ने जदयू से चुनाव लड़ा और विधायक बने। वे राज्य अलग होने के बाद प्रदेश के पहले उर्जा मंत्री बने। 2005 में झामुमो से जगरनाथ महतो पहली बार विधायक बने व 2009 और 2014 में चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई अब उनके निधन के बाद एक बार फिर डुमरी में उप चुनाव हो रही है।