देवघर:थानेदार ने बैंक में की गुंडागर्दी,बैंक के गार्ड को पीटा और जेल भेज दिया,डीआईजी ने किया सस्पेंड

देवघर।झारखण्ड के देवघर में बैंक गार्ड से मारपीट और जेल भेजने के मामले में डीआईजी दुमका सुदर्शन प्रसाद मंडल ने एक वीडियो क्लिप के आधार पर देवघर के नगर थाना इंस्पेक्टर रतन कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इंस्पेक्टर पीएनबी बैंक के एक सुरक्षाकर्मी कैलाश यादव के साथ पिटाई और गाली-गलौज कर रहा है। इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसने न केवल सुरक्षाकर्मी की पिटाई की बल्कि उसका मोबाइल भी तोड़ दिया और उसे घसीटते हुए थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया।

वायरल सीसीटीवी फुटेज

बताया जाता है कि आरोपी की इस हरकत पर डीजीपी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच की जिम्मेदारी एसपी को दी थी। एसपी ने घटना और वीडियो क्लिप की पुष्टि की है। इंटरनेट मीडिया पर भी ये वीडियो वायरल रहा है। इस कारण पुलिस की छवि धूमिल हुई है।

वहीं डीआइजी ने अपने आदेश में कहा है कि इंस्पेक्टर रतन कुमार सिंह ने पंजाव नेशनल बैंक के सुरक्षा गार्ड कैलाश यादव की पिटाई की, उसे घसीटते हुए ले गए, जो कि कर्तव्यहीनता, लापरवाही,अनुशासनहीनता, उदंडता,नियम और विधि विरुद्ध कार्य एवं आपराधिक कृत्य परिलक्षित होता है। वहीं इंस्पेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई को पुलिस आदेश का उल्लंघन बताया गया।

कहा गया है कि आदेश के आइपीसी की धारा 41 ए के तहत उन सभी मामलों में जहां व्यक्ति की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है, वैसे मामलों में व्यक्ति को पुलिस अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए नोटिस जारी करने का प्रावधान है। इसके बावजूद रतन कुमार सिंह ने बिना नोटिस जारी किए गार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह सरकारी सेवक के सेवा नियमावली के प्रतिकूल है। इसी आरोप में थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन-यापन भत्ता पर निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय पुलिस केन्द्र देवघर होगा।

बता दें कि इस मामले की जांच उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और एसपी सुभाष चंद्र जाट द्वारा किया गया है। वहीं बैंक के अधिकारियों व कर्मियों ने थाना प्रभारी के रवैये को सरासर गलत करार दिया था। उनका के प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में उपायुक्त से मुलाकात की थी।