किसानों के हित में केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, बढ़ेगी किसानों की आय

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक सप्ताह में दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों से संबंधित कई फैसले लिए गए। बैठक में कहा गया कि भारत वन नेशन वन मार्केट की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस दौरान आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत खेती-किसानी की घोषणाओं पर मुहर लगाई गई और कई कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर किया गया। इसके साथ ही किसानों को एपीएमसी कानून से बाहर भी उत्पाद बेचने की अनुमति दे दी गई है। अब किसान मंडी के अतिरिक्त अपनी उपज सीधे निर्यातकों को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें अधिक लाभ मिल सकेगा।

प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इसे लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार ने किसानों के हित में फैसले लिए। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक ने आवश्यक वस्तु कानून में ऐतिहासिक संशोधनों को अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों और कृषि क्षेत्र के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा।

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने भारत में निवेश आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों में सचिवों का समूह और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (पीडीसी) स्थापित करने को अनुमति दी है। बता दें कि एक सप्ताह में केंद्रीय कैबिनेट की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और किसानों को कोरोना संकट में राहत देने के लिए कई एलान किए गए थे।

जानिए क्या है एपीएमसी कानून

एपीएमसी कानून, 2003 राज्यों के लिए जारी किया गया कानून है। इसके तहत राज्यों में अनुबंध खेती के लिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) से पंजीकरण किए जाने की जरूरत होती है। एपीएमसी इन अनुबंधों से उत्पन्न होने वाले विवादों को हल करने का काम करती है। इसके अलावा अनुबंध खेती के लिए एपीएमसी को बाजार शुल्क आदि का भुगतान किया जाता है। मॉडल एपीएमसी अधिनियम, 2003 के तहत राज्यों को अनुबंध खेती से संबंधित कानूनों को लागू करने संबंधी अधिकार दिए जाते हैं।
आवश्यक वस्तु कानून में सुधार, कई कृषि उत्पाद इससे बाहर
छह दशक से ज्यादा पुराने आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को अनाज, दालें, आलू और प्याज आदि को इससे बाहर कर दिया। सरकार ने यह फैसला कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लिया है। कैबिनेट ने कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को भी अनुमति दे दी। यह अध्यादेश कृषि उपज में बाधा मुक्त व्यापार सुनिश्चित करेगा।

इसके साथ ही सरकार ने मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश पर किसानों का (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 को भी अनुमति दी। इससे प्रोसेसर, एग्रीगेटर, थोक व्यापारी, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ जुड़ने के लिए किसानों को सशक्त बनाया जा सकेगा। कैबिनेट निर्णयों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये फैसले कृषि क्षेत्र में सकारात्मक सुधार लाएंगे और किसानों को सशक्त करेंगे।

कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट

केंद्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर ने कहा कि बैठक में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलने का निर्णय भी लिया गया। अब इस ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट होगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील और शिक्षाविद् थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में वह उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बनाए गए थे।


प्रेसवार्ता के प्रमुख बिंदु…
किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी।
आवश्यक वस्तु कानून में किसानों के हित के मुताबिक सुधार किए गए हैं।
कृषि उत्पादों की बहुतायत के कारण बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं।
एपीएमसी (कृषि उपज मंडी समिति) से बाहर कृषि उत्पाद बेच सकेंगे किसान, कम लागत में अधिक आय होने पर समृद्धि बढ़ेगी।
मोदी सरकार ने किसानों का हमेशा पक्ष लिया है और उनके हित में काम किया है।
आवश्यक वस्तु कानून से कई वस्तुएं बाहर की गई हैं।
सरकार ने आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय दवाओं और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया ( Pharmacopoeia Commission ) कमीशन गठित करने को अनुमति दी है।
पीएम किसान सम्मान निधि से एकमुश्त एकमुश्त 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
13 हजार किसानों ने प्रीमियम भरा है। 64 हजार करोड़ के नुकसान की भरपाई की गई है।
हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल होगी।
आयुष मंत्रालय की गाजियाबाद की दो लैब का मर्जर होगा, इससे दूसरी ड्रग्स का स्टैंडर्डाइजेशन सुनिश्चित होगा।
किसानों को अपना उत्पाद सीधे निर्यातकों को बेचने की अनुमति मिली।
किसानों को अपने उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी।
किसान की सामाजिक सुरक्षा के लिए किसान मान धन योजना बनाई गई है।
सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड मिले, इस पर काम किया जा रहा है
खाद सब्सिडी में 80 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
किसान क्रेडिट कार्ड से चार लाख करोड़ किसानों को कर्ज मिला
किसान को खरीद की गारंटी मिले तो उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।
10 हजार नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए जाएंगे
किसान की संरक्षा के लिए कृषि मंत्रालय अनुबंध के मॉडल पर काम करेगा। अनुबंध के तहत पैदा किए गए कृषि उत्पादों पर राज्यों का कर लागू नहीं होगा।
इस अनुबंध में किसानों और अन्य संस्थाओं के बीच विवाद के निपटारा का प्रावधान होगा।
कोई भी फैसला किसान की जमीन के खिलाफ नहीं होगा।
कृषि उत्पादों का मूल्य अधिक होने की स्थिति में किसानों को भी इसका एक भाग मिलेगा।